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अनधिवासनता
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अननुभूत पुग्गलो अक्खमो होति ... अमनापानं पाणहरानं अननुज्ञात त्रि., [अननुज्ञात], आज्ञा को अप्राप्त, अनुमोदन अनधिवासकजातिको होति, महाव. 98; - जातिकता स्त्री. न पाया हुआ, अप्राप्त स्वीकृति वाला, वह, जिसे करने की भाव., धैर्यच्युत होने की अवस्था, असहनशीलता - अहं अनुमति न हो- किं नु खो भगवता पासादपरिभोगो अनुआतो अनधिवासकजातिकताय तुम्हेहि सद्धि कथेसिं, जा. अट्ठ. कि अननुज्ञातो ति, चूळव, 299; अयाचितो ततागच्छि, 3.327; पाठा. अनधिवासन..
नानुआतो इतो गतो, थेरीगा. 129; न खो, सङ्गामजि, अनधिवासनता स्त्री॰, भाव. [अनधिवासनता], अक्षमता, तथागता मातापितुहि अननुज्ञातं पुत्तं पब्बाजेन्तीति, उदा. अक्षान्ति, अक्षान्ति की अवस्था, धैर्यहीनता, व्याकुलता - या अट्ठ. 57; - समुट्ठान पु., वि. पि. के अन्त. परि. नामक अक्खन्ति अक्खमनता अनधिवासनता चण्डिक्कं असुरोपो एक ग्रन्थ के एक समुट्ठान का शीर्षक, परि. 187. अनत्तमनता चित्तस्स- अयं वच्चति अक्खन्ति, विभ. 416. अननुतप्प त्रि., [अननुताप्य], अनुताप अर्थात् पश्चाताप के अनधिवासना स्त्री., [अनधिवासना], असहनशीलता, अक्षान्ति, अयोग्य, पश्चाताप न करने योग्य - एवरूपो ... सत्था असहिष्णुता - अहुदेव अक्खन्तीति अहोसियेव अनधिवासना, सावकानं कालङ्कतो अननुतप्पो, दी. नि. 3.91. अ. नि. अट्ठ. 2.212.
अननुतापिय त्रि., अनुतापिय का निषे. [अननुताप्य], अशोच्य, अनधोमुखता स्त्री., भाव., नीचे की ओर मुख न करने की शोक न करने योग्य अशोचनीय - सो मे अत्थो अनुप्पत्तो, स्थिति, पतनशीलता का अभाव - अपतितक्खन्धता __कतं अननुतापियं अ. नि. 1(2).79. अनधोमुखता इत्थिपुरिसानं, खु. पा. अट्ट. 24.
अननुनीत त्रि., अनुनीत का निषे. [अननुनीत], अनाकृष्ट, अननुकूल त्रि०, अनुकूल का निषे. [अननुकूल]. विपरीत, वह, जिसको घसीट कर दूर न ले जाया गया है, प्रतिकूल, अननुरूप, विरुद्ध - अननुकूलानं च अप्पसिद्धानं अप्रतिहत, मध्यस्थ - अननुनीतो अप्पटिहतो मज्झत्तोयेव छडुनं, सद्द, 527; - ता स्त्री. भाव., विपरीतता, प्रतिकूलता, हुत्वा गच्छति, सु. नि. अट्ठ. 2.195. विरुद्धता - विरोधो ति अननुकूलता पतिविरोधो ति पुनप्पुन अननुप्पत्त त्रि., अनुप्पत्त का निषे. [अननुप्राप्त], वह, जो अननुकूलता, सद्द. 470.
प्राप्त नहीं है, अप्राप्त, नहीं पाया हुआ - अननुप्पत्तञ्च अननुगत त्रि., [अननुगत]. 1. पालन या आचरण न किया अनुत्तरं योगक्खेमं नानुपापुणाति, म. नि. 1.150. गया, वह, जिसका अनुगमन नहीं किया गया है, 2. वह, जो __ अननुबुज्झन नपुं., अनुबुज्झन का निषे. [अननुबोधन], दूसरों से मार्गदर्शन प्राप्त नहीं करता है, दूसरों का अनुगमन अननुबोध, अज्ञान, ज्ञान का सर्वथा अभाव - अननुबोधाति न करने वाला - अनन्वयन्ति यं अत्थं दस्सामि, करिस्सामीति आतपरिआवसेन अननुबुज्झना, दी. नि. अट्ठ. 2.76. च भासति, तेन अननुगतं. सु. नि. अट्ठ. 1.271; अननुबोध' पु., [अननुबोध], अनुबोध का अभाव, नासमझी, अननुगतन्तरस्साति किलेसे अननगतचित्तस्स, म. नि. अट्ठ. ज्ञानाभाव, अप्रतिवेध, प्रतिवेध-ज्ञान का अभाव - दुक्खस्स, (म.प.) 2.70.
भिक्खवे, अरियसच्चस्स अननबोधा अप्पटिवेधा एवमिदं अननुच्छविक / अननुच्छविय त्रि., [अननुच्छविक]. दीघमद्धानं सन्धावितं. दी. नि. 2.71; अननुबोधाति अबुज्झनेन अनुपयुक्त, अहितकर, प्रतिकूल, अप्रतिरूप, अकरणीय - अजाननेन, दी. नि. अट्ठ. 2.119. अननुच्छविकं ... अननुलोमिक अप्पतिरूपं, अस्सामणक __ अननुबोध' त्रि., ब. स. [अननुबोध], वह, जिसे आर्यसत्यों अकप्पियं अकरणीयं, महाव. 50; 66; अननुच्छविकं ते के ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई है, प्रतिवेधक-ज्ञान से रहित, कतन्ति सत्थु सन्तिकं नेत्वा, जा. अट्ठ. 1.400; अननुच्छविकं अज्ञानी - पुथुज्जनो अननुबोधोहमस्मि वि. व. 1203; तत्थापि
खो नागसेन परिवितकं वितक्कसि. मि. प. 12; - त्त नपुं... सच्चानं अनुबोधमत्तस्सापि अभावेन अननुबधो वि. व. अट्ट, 274. भाव., अप्रतिरूपता, अनुपयुक्तता, प्रतिकूलता, अकरणीयता अननुभूत त्रि., अनुभूत का निषे. [अननुभूत], वह, जो - अननुच्छविकत्ता एव च अननुलोमिक, पारा. अट्ठ. 1.169. अनुभव में नहीं आया है, अप्राप्त, असाक्षात्कृत, वह, जो अननुज्ञा स्त्री., [अननुज्ञा], अनुज्ञा या आज्ञा का अभाव, अनुभवगम्य नहीं है - पथविं ... पथवितो अभिआय यावता अनुमति का न होना; असमर्थन, अस्वीकरण, अननुमोदन - .... अननुभूतं तदभिआय पथविं नापहोसिं. म. नि. 1.412; तस्मा अननुआयं ठत्वा अनुम्पि पटिक्खिपन्तो, म. नि. अननुभूतन्ति पथविया पथविसभावेन अननुभूतं अप्पत्तं, म. अट्ठ. (म.प.) 2.139.
नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).305; - तारम्मण नपुं..
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