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अदस्सी
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अदिट्ठ/आद्दिट्ट नासमझ - अरियानं अदरसावी, म. नि. 1.1; 3.66; ... - दस दानानि लोके अदानसम्मतानि, मि. प. 259; - अनिच्चादिलक्खणं अपस्सन्तो ... अरियभावस्स च अदिद्वत्ता सील त्रि., ब. स. [अदानशील], स्वभाव से ही अनुदार, ... अदस्सावी ति..., म. नि. अट्ठ. (मू.प.) 1(1).25; ... यो कृपण अथवा संग्रह करने के स्वभाव वाला, त्याग की तेसं अरियानं अदस्सनसीलो, न च दस्सने साधुकारी, सो मनोवृत्ति से रहित - अदानसीला न च देन्ति कस्सचि, सु. अरियानं अदस्सावीति वेदितब्बो, ध. स. अट्ठ. 380, द्रष्ट. नि. 247; अदानसीला न च सद्दहन्ति, पे. व. 248; अदानसीलो दस्सावी.
मच्छरी तिणग्गेन तेलविन्दुम्पि अदाता अहोसि, जा. अट्ठ.5. अदस्सी त्रि., [अदर्शी], क. नहीं देखने वाला, न समझने 380; अदानसीला मच्छरिनी हुत्वा, पे. व. अट्ठ. 58; - वाला, गहरा ज्ञान न रखने वाला - यथाभूतं अदस्सिनो, सीलता स्त्री॰, भाव. [अदानशीलता], कृपणता - ताय च थेरगा. 662; ख. उपेक्षा करने वाला - इधलोकदस्सी पन अदानसीलताय याचितापि ..., सु. नि. अट्ठ. 1.264. परलोकमदस्सी , जा. अट्ट, 6.185.
अदायक त्रि., दायक का निषे. [अदायक], अनुदार, अदातु पु., दातु का निषे. [अदात]. दान न करने वाला, अदानशील, कृपण, दान न देने वाला - ... एको दायको कृपण, कंजूस - अदाता गेधितमनो आमिसस्मि, पे. व. 247; एको अदायको, अ. नि. 2(1).28; ... अदायकोति एको दीनोति निहीनचित्तो अदानज्झासयो, तेनाह अदाता ति, पे. अत्तना लद्धं परस्स अदत्वा परिभुञ्जनको ..., अ. नि. व. अट्ठ, 94; - काम त्रि. [अदातृकाम], दूसरों को कुछ अट्ठ. 3.16; मच्छरिनोति अजेसं अदायका, जा. अट्ठ. 6. भी न देने की इच्छा करने वाला - ... अप्पसन्न अदातुकामं 129; - यिका स्त्री., कृपण या अनुदार नारी - अदायिका ब्राह्मणं ... दातुकामं कत्वा, सु. नि. अट्ठ. 1.120; - कामता मच्छरिनी कदरिया, पे. व 56; - वंस पु., दान न देने वालों स्त्री., भाव., कृपणता भरी मनोदशा - ... अत्तनो सन्तकं या कृपणों का वंश - अदायकवंसो एस भविस्सती ति, जा. अदातुकामताय .... ध. स. अट्ठ. 144; नेव मे अदातुकामतं अट्ठ. 3.103. पस्सेय्या ति..., जा. अट्ठ. 3.47.
अदायाद त्रि., दायाद का निषे., ब. स. [अदायाद], वह, अदान नपुं., दान का निषे. [अदान], त्याग करने अथवा जिसका कोई उत्तराधिकारी नहीं है, निःसन्तान - अनपच्चा दान देने की मनोदशा का अभाव, नहीं देना, उदारता का अदायादा तालावत्थू भवन्ति ते, स. नि. 1(1).86; इदानि अभाव, कृपणभाव, कृपणता - अदानमतिदानञ्च, नप्पसंसन्ति दायादानं अभावतो अदायादो, जा. अट्ठ. 3.21. पण्डिता, पे. व. 301; ... तथापि यदिदं अदानञ्च असीलञ्च अदारभरण त्रि., ब. स., वह, जिसे पत्नी का भरण-पोषण अरियेहि अकत्तब्बत्ता .... जा. अट्ठ. 1.228, द्रष्ट., विप नहीं करना है, अविवाहित व्यक्ति - कनिट्ठो अदारभरणो भात दान; - नज्झासय त्रि., ब. स. [अदानाध्याशय], दान सन्तिकेयेव वसि, जा. अट्ठ.5.279. न देने, त्याग न करने, सभी कुछ अपने पास बनाये रखने अदास पु., दास का निषे॰ [अदास], वह, जो अब किसी का की मानसिक वृत्ति वाला, कृपणता एवं आसक्ति भरी मनोदशा दास नहीं है, स्वतन्त्र, अपने अधीन, पराधीनता से मुक्त - से युक्त प्राणी- दीनोति निहीनचित्तो अदानज्झासयो, पे. अदासो तु भुजिस्सोथ ..., अभि. प. 516; - सी स्त्री.. व. अट्ठ. 94; द्रष्ट. अज्झासय; - नाधिमुत्त त्रि., ब. स., [अदासी], दासता से मुक्त नारी - सचे, जे, सच्चं भणसि, कृपण अधिमुक्ति अथवा मानसिक अभिप्राय वाला, दान न अदासिं तं करोमि. म. नि. 2.260. देने अथवा त्याग न करने की मनोवृत्ति वाला, अदानशील अदिट्ठ/आद्दिट्ट त्रि., दिट्ठ का निषे., [अदृष्ट], वह, जो - अदानसीलाति अदानपकतिका अदानाधिमुत्ता .... सु. नि. देखा नहीं गया है, अज्ञात, अनिर्दिष्ट - न तुव्ह अदिट्ठ अट्ठ. 1.264; - पकतिक त्रि., ब. स. [अदानप्रकृतिक], असुतं अमुतं. सु. नि. 1128; अदिट्ठ दक्खितब्ब, महानि. कृपणता अथवा अत्यधिक आसक्ति से भरे हुए स्वभाव वाला, 269; अदिटुं अस्सुतं अपरिसङ्कितं, महाव. 314; - जोतन तृष्णाल, जोड़ने बटोरने वाला, स्वभाव से ही कृपण - त्रि., [अदृष्टद्योतन], शा. अ. अज्ञात का प्रकाशन करने अदानसीलाति अदानपकतिका, अदानाधिमुत्ता..., सु. नि. वाला, जो ज्ञात नहीं है, उसका स्पष्टीकरण करने वाला; अट्ठ. 1.264; - सम्मत त्रि., स. [अदानसम्मत], देय वस्तु ला. अ. तीन अथवा पांच प्रकार की पृच्छाओं (प्रश्नों) में से के रूप में अननुमोदित, ऐसी वस्तु का दान, जो बुद्ध द्वारा एक - तिस्सो पुच्छा-अदिट्ठजोतना पुच्छा, दिट्ठसंसन्दना अनुमोदित नहीं है, दान देने हेतु अननुमोदित दस वस्तुएं पुच्छा, विमतिच्छेदना पुच्छा, महानि. 250; ... एत्थ अदिट्ठ
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