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अथेन
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अदन्त
अथेन त्रि. थेन का निषे. [अस्तेन], वह, जो चोर नहीं है, चोरी न करने वाला - अथेनेन सुचिभूत्तेन अत्तना विहरति, दी. नि. 1.4; थेनेतीति थेनो, न थेनेन अथेनेन, दी. नि. अट्ठ. 1.67; - त्त नपुं., अथेन का भाव. [अस्तेनत्त्व], अचौर्य, चोरी के कर्म से विरति की स्थिति- अथेनत्तायेव सुचिभूतेन. म. नि. अट्ठ. (मू. प.) 1(2).107; दी. नि. अट्ठ. 1.67; - नी अथेन का स्त्री., चोरी के कर्म से युक्त नारी, चोरी न करने वाली स्त्री - ... तत्थ च भविस्साम ... अथेनी असोण्डी अविनासिकायोति, अ. नि. 2(1).33; अथेनीति अथेनियो अचोरियो, अ. नि. अट्ठ. 3.19. अथो अ., निपा. [अथ], अब, तब, इसके बाद, और, इसी से, इसी से तो, इसी भाति; क. पदपूरणार्थक - स्वागत ते महाराज, अथो ते अदुरागतं, जा. अट्ठ. 4.492; ख. अवधारण या निश्चय - अथो गहट्ठा घरमावसन्ता, सु.. नि.43; अथो इट्टे अनिटे च, सु. नि. 155; अथो जातिक्खयं पत्तो, ध. प. 423; थेरीगा. 64; अथोति निपातमत्तं, अवधारणत्थे वा पे. व. अट्ठ. 218, तुल. अथ, व्यु. एवं अर्थनिर्धारणार्थ, द्रष्ट, अभि. प. 1190, रू. सि. 89; - पि अ, संयोजक तथा निरन्तरता का सूचक, निपा., [अथच], और इसके बाद भी, फिर भी - अथोपि खादितानि पुत्तमंसानि । थेरीगा. 221; अथोपि त्वं चित्त न मय्ह तुस्ससि, थेरगा. 1112; ग. कच्चि ... कच्चि (क्या-क्या) प्रश्न के उत्तर के रूप में दुहराते हुए प्रयोग - अथोपि मे अमच्चेसु. दोसो कोचि न विज्जति, अथोपि ते ममत्थेस नावकवन्ति
जीवितं, जा. अट्ट, 5.344. अद त्रि., [अद], खाने वाला, केवल स. उ. प. के रूप में ही प्रयुक्त, किट्ठा., कुणपा., गूथा. के अन्त. द्रष्ट.; - अदी त्रि., खाने वाला, केवल स. उ. प. के रूप में ही प्रयुक्त, पुरिसा., रसा., वन्ता., विघासा., विसा. के अन्त. द्रष्ट.. अदक्खिणेय्यता स्त्री., अदक्खिनेय्य का भाव. [अदक्षिणेयता]. दक्षिणा प्राप्त होने के लिए अयोग्य होने की स्थिति, अनुत्कृष्टता, अपात्रता - तंपन न अत्तनो पतिमानतस्स अविपाकताय न अदक्खिणेय्यताय .... मि. प. 226. अदट्ठ/अदट्ठा दिस का पू. का. कृ. का निषे., [अदृष्ट्वा], बिना देखे हुए, न देखकर - नादट्ठा परतो दोसं जा. अट्ठ. 4.170; नादट्ठाति न अदिस्वा, जा. अट्ठ. 4.171; तुल. अदिट्ठा. अदट्ठहि/अदड्डहि ।दह का अनद्य., प्र. पु.. ए. व., जला दिया, दग्ध कर दिया - किच्छाकतं पण्णकुटिं अदट्टहि जा. अट्ठ. 2.35; पाठा. अदरिह; तुल. अलद्ध, अलत्थ.
अदड्ड दह का भू. क. कृ. का निषे. [अदग्ध], नहीं जलाया हुआ -- अदड्डे दवसी , निस्सग्गियं पाचित्तियं, पारा. 376%;
अदवा पि वुच्चति जाता पथवी, पाचि. 50. अदण्ड त्रि., दण्ड का निषे., ब. स. [अदण्ड], क. बिना दण्ड वाला, हिंसक मनोवृत्ति से रहित, अहिंसक, दयालु क्षीणास्रव अर्हत्, वैरभाव से रहित - ... अवेरा अदण्डा असपत्ता अव्यापज्जा .., दी. नि. 2.203; अदण्डाति आवुधदण्डधनुदण्डविमुत्ता, दी. नि. अट्ठ. 2.278; अदण्डेसूति कायदण्डादिरहितेसु खीणासवेसु, ध. प. अट्ठ. 2.40; क्रि. वि. रूप में तृ. वि. - अदण्डेन असत्थेन, धम्मेनमनुसासति, स. नि. 1008; दण्डेनेके दमयन्ति, थेरगा. 878; - डारह त्रि., दण्डारह का निषे. [अदण्डाह], दण्ड नहीं पाने योग्य, अदण्डनीय - यत्थ परो ... अदण्डारहो ... होति, ध. स. अट्ठ. 143; - डावचर त्रि., दण्डावचर का निषे. [अदण्डावचर], क. शा. अ. दण्ड की पकड़ अथवा पहुंच के बाहर, बलप्रयोग का अविषय, दण्ड न देने योग्य - ता च खो अदण्डावचरा, असत्थावचरा, स. नि. 1(1).259; अदण्डावचरं मग्ग, जा. अट्ठ. 4.322; ख. ला. अ. अहिंसक व्यक्तियों द्वारा ग्रहण किया जाने वाला (अष्टाङ्गिक मार्ग)अदण्डावचरन्ति अदण्डेहि निक्खित्तदण्डहत्थेहि अवचरितब्बं ... अहङ्गिक मग्गं, स. नि. अट्ठ. 4.322; - ण्डिय त्रि., दण्डिय का निषे. [अदण्ड्य], अदण्डनीय, दण्ड नहीं देने योग्य - अदण्डियं दण्डयति ..., जा. अट्ठ. 4.170;
अदण्डियन्ति यो अदण्डपणेतब्बं ..., तदे.. अदति/अदेति ।अद का वर्त, प्र. पु., ए. व. [अत्ति], खाता है, अनुभव करता है - सुखदुक्खं अदति अनुभवतीति अत्ता ति च .... सद्द. 2.360; - अदन नपुं.. Vअद से व्यु. [अदन], क. भोजन, खाना, भक्षण - पहूतं चादनं तत्थ, जा. अट्ठ. 5.370; ... चादनन्ति पहू तञ्च पदुमपुप्फसालिआदिकं अदनं तदे.; ख. आदानानि का अप., इन्द्रियों के विषय - अदनानि उपासतो, जा. अट्ठ. 5.367; अदनानीति आदानानि, गोचरग्गहणट्ठानानीति, ..., तदे.. अदनेसना स्त्री., अदन + एसना, [अदनैषणा], भोजन की
खोज - चरतो अदनेसनं, जा. अट्ट, 5.367. अदन्त त्रि. दन्त का निषे. [अदान्त], असंयमी, अनियन्त्रित, वह, जिस का नियन्त्रण नहीं किया गया है - अदन्तानं दमेतार थेरीगा. 135: अदन्तं को दमिस्सति, जा. अट्ठ. 7.108; - दमक त्रि., अनियन्त्रित या उच्छृखल को
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