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अधम्म
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अधर
... कते वा पन कम्मे अधम्मदिष्टि होति, परि. 253; - निविट्ट त्रि., तत्पु. स. [अधर्मनिविष्ट], अधर्म में पूरी तरह से डूबे हुये चित्त वाला, अज्ञानी - पुथुज्जनताय अधम्मा निविट्ठा, थेरगा. 1226; पुथु जनताय अधम्मा निविट्ठा, स. नि. 1(1).217; -- निस्सित त्रि., [अधर्मनिश्रित], अधर्म में पूरी तरह से डूबे हुये चित्त वाला, अज्ञानी, पृथग्जन - वेस्सो चाधम्मनिस्सितो, जा. अट्ठ. 3.167; - बलि पु., तत्पु. [अधर्मबलि], अधर्मपूर्वक लिया गया कर या राजस्व - अरक्खिता जानपदा, अधम्मबलिना हता, जा. अट्ठ, 5.97; - राग पु., कर्म. स. [अधर्मराग], अधर्म से भरा हुआ राग, अनुचित लोभ अथवा अधर्म-प्रेरित आसक्तिभाव, अनुपयुक्त स्थलों के प्रति आसक्तिभाव - मिच्छादिट्ठिया वेपुल्लं गताय तयो धम्मा वेपुल्लमगमंसु, अधम्मरागो विसमलोभो मिच्छाधम्मो, दी. नि. 3.52; अधम्मरागोति माता मातुच्छा पितुच्छा मातुलानीति आदिके अयुत्तट्ठाने रागो, दी. नि. अट्ठ. 3.33; - रागरत्त त्रि., तत्पु. स. [अधर्मरागरक्त]. अनुपयुक्त लगावों में आसक्त - एतरहि, ब्राह्मण, मनुस्सा अधम्मरागरत्ता विसमलोभाभिभूता मिच्छाधम्मपरेता, अ. नि. 1(1).187; - रूप त्रि., ब. स. [अधर्मरूप], दुष्ट, पापी, अधर्म भरे स्वभाव वाला - अधम्मरूपो वत ब्रह्मचारी, जा. अट्ठ. 5.103; अधम्मरूपो वत राजसेट्ठो, जा. अट्ठ. 7.178; - लद्ध त्रि., तत्पु. स. [अधर्मलब्ध], जो न्यायपूर्वक प्राप्त नहीं किया गया है, अधर्म अथवा अनुचित उपायों से प्राप्त - अधम्मलद्धं पन सहस्सग्धनकम्पि जिगुच्छनीयमेवाति, जा. अट्ठ. 6.77; - वादी त्रि., [अधर्मवादी], धर्म की त्रुटिपूर्ण व्याख्या करने वाला, धर्म विपरीत बातों को कहने वाला, संभिन्न प्रलाप में अन्तर्भूत अकुशल वाक्यप्रयोग को करने वाला - सम्पप्पलापी खो पन होति, अकालवादी अभूतवादी अनत्थवादी अधम्मवादी अविनयवादी .... म. नि. 1.360; अञ्जतरो अधम्मवादी भिक्खु भगवन्तं एतदवोच, महाव. 462; - वितक्क पु., [अधर्मवितर्क], अधर्म से भरा हुआ अथवा पापमय चिन्तन, कामभोग-विषयक चिन्तन - धम्मवितक्क व वितक्केति नो अधम्मवितक्क, इतिवु. 59; - सञी त्रि., ब. स. [अधर्मसंज्ञी], धर्म में भी अधर्म देखने वाला, किसी वस्तुविशेष या कार्यविशेष को धर्म के विपरीत मानने वाला - द्वेमे, भिक्खवे, बाला ... यो च धम्मे अधम्मसञी, अ. नि. 1(1).102; - सम्मत त्रि., कर्म. स. [अधर्मसम्मत], धर्म के रूप में अननुमोदित, धर्म द्वारा अस्वीकृत - अधम्मसम्मतं खो, पन, वासेट्ट, तेन समयेन
होति, तदेतरहि धम्मसम्मतं, दी. नि. 3.66; - हास पु., [अधर्महास], द्वेषपूर्ण हंसी अथवा द्वेष भरी प्रसन्नता का भाव - ततियं अधम्महासं वज्जेत्वा, जा. अट्ट, 5.109; - मादिवग्ग पु., अ. नि. के एक वग्गविशेष का नाम, अ. नि. 1(1). 19-25 में पमादादिवग्ग नाम से, रो. सं. में अधम्मादिवग्ग पा. टे. सो. 1.16-19; - माभिरत त्रि., तत्पु. स. [अधर्माभिरत], अधर्म में पूरी तरह से डूबा हुआ, पाप कर्म में आनन्द लेने वाला - अधम्माभिरता विसमचारिनो जा. अट्ठ, 4.163. अधम्म त्रि., [अधार्मिक], धर्म-विपरीत आचरण करने वाला, मिथ्या वितर्क वाला, धर्म से रहित - पुथुज्जनताय अधम्मा निविट्ठा, थेरगा. 1226; ते पन मिच्छावितक्का ... अधम्मा, धम्मतो अपेता पुथुज्जनतायं अन्धबाले निविट्ठा..., थेरगा. अट्ठ. 2.440. अधम्म' पु., व्यक्तिसूचक, यक्ष के रूप में उत्पन्न देवदत्त के पूर्वजन्म का नाम - ... देवदत्तो अधम्मो नाम, जा. अट्ठ. 4.90; मि. प. 194. अधम्मिक त्रि., धम्मिक का निषे. [अधार्मिक, धर्म में निषिद्ध, धर्म-विरुद्ध, पापी, अधार्मिक, विनय-शिक्षापदों का उल्लंघन करने वाला भिक्षु - धम्मेन च अलाभो यो, यो च लाभो अधम्मिको, थेरगा. 666; मा राज अधम्मिको अहु, जा. अट्ठ. 3.365; कम्मं अधम्मिकं कुप्पं अट्ठानारह, महाव. 139, तुल. अधम्मक; - कपणराज पु., [अधार्मिक-कृपणराजन्], अधार्मिक एवं कृपण स्वभाव का राजा - अधम्मिककपणराजानो ..... यसं न दस्सन्ति, जा. अट्ठ. 1.322; - ता स्त्री॰, भाव. [अधार्मिकता], अधार्मिकता, पाप भरी मनोवृत्ति अथवा जीवनवृत्ति, अनागत. 35(रो.); - त्त नपुं.. भाव. [अधार्मिकत्व], अधार्मिक मनोवृत्ति पापमयी जीवनवृत्ति, अधार्मिक भाव - ... तुम्हाक मजे अधम्मिकत्तेन तं एतरहि उप्पन्नन्ति , खु. पा. अट्ठ 130; - भाव पु., कर्म. स. [अधार्मिकभाव], उपरिवत् - मय्ह अधम्मिकभावं विचिनथाति
आह, खु. पा. अट्ठ. 130. अधम्मिय त्रि., धम्मिय का निषे० [अधर्म्य], अधार्मिक, धर्मप्रतिकूल - अधम्मियं पटिपदं पटिपन्नो, पे. व. अट्ठ. 208; - यायमान त्रि., अधम्मिय के ना. धा. से व्यु., वर्त. कृ., आत्मने., निषे. [अधर्मीयमान], धर्म के अनुसार आचरण न करने वाली प्रकृति वाला - भिन्ने, ... सङ्के अधम्मियायमाने, महाव. 462. अधर त्रि., अधो का तुल. वि. [अधर], 1. निचला, अधिक तुच्छ, हीनतर - अधरो तिस्वधो हीने पुमे दन्तच्छदेप्यथ,
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