Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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श्री अमोलक ऋषीजी बालब्रह्मचारी मुनि
सिय णीलएय सुकिल्लएय, सिय लोहियएय हालिइएय, सिय लोहियएय, सुकिल्लएय, सिय हालिद्दएय मुक्किलएय, एवं एए दुया संजोगे दस भंगा ॥ जइ एग गंधे-सिय सुब्भिगधेय सिय दुब्भिगंधेय, जइ दुगधे सुभिगंधेय दुब्भिगंधेय रसेसु जहा वण्णेसु ॥ जइ दुफासे सिय सीएय गिद्धेय एवं जहेव परमाणुपोग्गले ॥ जइ तिफासे सव्वे सीए देसे णिडे देसे लुक्खे १ सव्वे उसिणे देसे गिद्ध देसे लुक्खे २ सव्वे णिद्वे देसे सीए देसे उसिणे ३ सव्व लुक्ख देसे सीए देसे उसिणे ४, ॥ जइ चउफासे देसे सीए, देसे उसिणे, देसे णिह, देसे लुक्खे; एएणय भंगा फासेसु ॥ २ ॥ तिपएसिएणं भंते ! खधे कइवण्णे जहा अट्ठारसमसए जाव क्वचित् काला पीला, क्वचित् काला शक्ल, क्वचित् नीला लाल, क्वचित् नीला पीला, काचित् नीला शुक्ल क्वचित् लाल पीला क्वचित् लाल शुक्ल और क्वचित् पीला शुक्ल ऐसे द्विमंयोगी दश भांगे कहना. यदि एक गंध होवे तो क्वचित् सुरभिगंध काचित् दुरभिगंध होवे. यदि दो गंध होवे तो सरभिगंध व दुरभि गंध ऐसी दोनों गंध जानना. रस का वर्ण जैस कहना. जैसे परमाणु पुद्गल का कहा वैसे ही दो का जानना. यदि तीन स्पर्श होवे तो ? सब शीत देश स्निग्ध देश रूक्ष, २ सब ऊष्ण देश स्निग्य देश रूक्ष ३ सर्व स्निग्ध देश शील देश ऊष्ण ४ सर्व रूक्ष देश शनिवदेश उष्ण होने यदि चार स तो देश शीत देश उष्ण, देश स्निग्ध व देश रूक्ष ऐसे स्पर्श के नव भांगे जानना. ॥ २ ॥ अहो भगवन् !
.प्रकाशक-राजाबहादुर लाला मुखदेव सहायजी ज्वालाप्रसादजी
भावार्थ
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