Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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49 अनुवादक-बालब्रह्मचरी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी.
देसे लहुए देसे.सीए देसे सिणे देसा णिहा देसा लुक्खा ४ सव्वे कक्खडे देसे गुरुए देसे लहुए देसे सीए देसा उसिणा देसे गिद्धे देसे लुक्खे ४ सव्वे कक्खडे देसे गुरुए देसे लहुए देसा सीया देसे उसिणे देसे णिद्धे देसे लुक्खे४सवे कक्खडे देसे गुरुए देसे लहुए देसासीया देसा उसिणा देसे गिद्दे देसे लुक्खे, सम्वेते सोलस भंगाभाणियव्वा । सव्वे कक्खडे देसे गुरुए देसा लहुया देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्दे देसे लुक्खे, एवं गुरुएणं एगत्तेणं लहुएणं पुहत्तेणं सोलस भंगा॥सव्वे काखडे देसा गुरुया देसे लहुए
देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे एएवि सोलस भंगा भाणियव्वा।सव्वे कक्खडे एक वचन देश स्निग्ध व देश रूक्ष ४ सब कर्कश देश गुरु देश लघु एक पचन देश शीत देश उष्ण अनेक वचन देश स्निग्ध देश रूक्ष ४ यो सब सोलह भांगे हुवे. सब कर्कश देश गुरु एक देश लघु अनेक देश शीत देश ऊष्ण देश स्निग्ध दश रूक्ष ऐमे ही गुरु एक वचन व लघु अनेक वचन में सोलह भांगे कहना. सब कर्कश एक देश गुरु अनेक वचन देश लघु देश शील देश ऊष्ण देश स्निग्ध व देश रूक्ष इम के भी सोलह भांगे कहना, सब कर्कश देश गुरु देश लघु अनेक देश शीत देश ऊष्ण देश स्निग्ध देश रूक्ष ये सोलह भांगे जानना. यों चौसठ भांगे
• प्रकाशक-राजाबहादुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी *
भावार्थ
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