Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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सूत्र
भावार्थ
* पंचमाङ्ग विवाद पण्णत्त ( भगवती ) सूत्र 4
पण्णत्ते तंजहा- दव्वपरमाणु, खेत्तपरमाणु कालपरमाणु भावपरमाणु ॥ दव्वपरमाणूणं भंते ! कवि पण्णत्ते ? गोयमा ! चउन्विहे पण्णत्ते तंजहा अच्छेजे अभेजे अडजे अगेजे ॥
परमाणू भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पण्णत्ते ? तंजहा अणड्डे, अमझे, अपसे, अविभागे ॥ कालपरमाणु पुच्छा ? गोयमा ! चउन्विहे पण्णत्ते तंजा - अवणे अगंधे अरसे अफासे ॥ भावपरमाणूणं भंते ! कइविहे पण्णत्ते ? गोयमा ! चउव्विहे पण्णत्ते तंजहा वण्णमंते गंधमंते रसमंते फासमंते ॥ सेवं भंते !
अहो भगवन् ! द्रव्य
{चार भेद कहे हैं. १ द्रव्य परमाणु २ क्षेत्र परमाणु, काल परमाणु, व भाव परमाणु परमाणु के कितने भेद कहे हैं ? अहो गौतम ! द्रव्य परमाणु के चार भढ़ कहे हैं. १ अछेद्य २ अभेद्य १३ अदाह्य और ४ अग्राह्य. अहो भगवन् ! क्षेत्र परमाणु के कितने भेद कहे हैं ? अहो गौतम ! क्षेत्र पर{माणु के चार भेद कहे हैं. १ अर्ध रहित २ मध्य रहित ३ प्रदेश रहित और ४ विभाग रहित. अहो भगवन् ! काल परमाणु के कितने भेद कहे हैं ? अहो गौतम ! काल परमाणु के चार भेद कहे हैं. १ वर्ण रहित २ गंध रहित. ३ रस रहित व ४ स्पर्श रहित. अहो भगवन् ! भाव परमाणु के कितने भेद) कहे हैं ? अहो गौतम ! चार भेद कहे हैं. १ वर्ण सहित २ गंध सहित ३ रस सहित व ४ स्पर्श सहित
4884 बसवा शतक का पवित्रा उद्देशा
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