Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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एवं वुच्चइ-सोलस्म महा जुम्मा पण्णत्ता, तंजहा-कडजुम्म कडजुम्मे, जाव कलि आग: कलिओगे? गोयमा ! जेणं रासीचउक्कएणं अवहारेणं अबहीरमाणे चउपजवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया तेवि कडजुम्मा, सेतं छडजुम्म कडजुम्मे १ जी रासी चउक्कएणं अवहरेणं अवहिरमाणे तिपजवसिए जणं तस्स रासिस्स अवहार समया कडजुम्मा,सेतं कडजुम्म तेओगे२,जेणं रासी चउक्कएणं अवहारणं अवहीरमाणे दुपज्जवसिए जेणं तस्स रासिस्स अवहारसमया कडजुम्मा, सेतं कडजुम्मा दावर
जुम्मा ३. जेणं रासि चउक्कएणं अवहारेणं अवहीरमाणे एगपज्जव. TER. द.पर, व्याज ११ द्वापर द्वापर १२ द्वापर कल्योज १३ कल्योज कल्याज १४. कल्याज,
५ कल्याज द्वापर युग्म और १६ कल्योज कल्योज यम्म. अहो भावन! किस कारन से सोलह मह युग्म कहे .. कृतयुग्म कृत युग्म यावत् कल्याज कल्योज ? अहो गौतम ! जिस राशि को चार से विभाग दते चार वाकी रहे और उस राशिका विभाग करने में भी चार समय रहे, वह कृतयुग्म कृतयुग्म राशि कहाती है, २ जिग राशि को चार का भाग देने से तीन रहे और भाग देते चार समय लगे. वह कृतयुम योन, ३ जिस राशि को चार का भाग देने से शेष दो रहे और विभाग करते चार समय लगे.
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पंचमांग विवाह पण्पत्ति ( भगवती ).मुत्र 48 ommamimarmireommmmmmmmmmmmmmmmmmmmmmramme
48 तानवा शतक का पहिला उद्देशा 487
भावार्थ
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