Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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सूत्र
भावाथ
* अनुवादक - बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
ree ३, सिय कालय णीलगाय लोहितगाय ४, सिय कालगाय णीलएय लोहि५, सिय कालगाय णीलस्य लोहियगाय ६, सिय कालगाय णीलगाय लोहियrय ७, सिय कालएय पीलस्य हालिदएव एत्थविसत्त भगा ७ ॥ एवं कालय नीलय सुकिल्लएसु सत्त भंगा ७, कालगलो हिय हालिद्देसु ७ कालगलोहिय सुकिल्लेसु ७ कालगहालिदसुकिल्लेसु ७ णीउग लोहिय हालिद्देसु ७ णलिगलोहिय किल्ले ७. सत्त भंगा नीलहालिंद सुकिल्लेसु ७, ले. हियहालिदसुकिल्ले मुवि सत्त भंगा ७, एवमेव तियसंजोएण सत्तारि भंगा ॥ जइ जउवण्णे सिय कालएय नीलए लोहियrय हालिद्दस्य १, सिय कालएय नीलएय लोहियएय हालिदगाय २
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वर्ण पात्रे तो ? स्यात् काला, हरा व लाल २ स्यात् काळा हरा एक वचन लाल अनेक वचन ३ स्यात् काला एक हरा अनेक व लाल एक ४ स्यात् काला एक हरा व लाल अनेक ५ स्यात् काला अनेक हरा न लाल एक ६ स्यात् काला अनेक हग एक व लाल अनेक ७ स्यात् काला नीला अनेक लाल एक ये सात भांगे हुवे. स्यात् काला, हरा व पीला इस में भी सात भांग, काला, हरा, व शुक्ल
सात भांगे,
10 काला, लाल व पीले में सात भांग, काला लाल व शुक्र में सान भांगे, काळा पीला व शुरू में सात भांगे, हरा लाल व पीला में सात भांगे, हरा लाल व शुक्ल में सात भांगे, हरा पीला व शुक्ल में सात भांगे और
* प्रकाशक - राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी *
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