Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Author(s): Amolakrushi Maharaj
Publisher: Raja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
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पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र
णीलगाय लोहितगाय ८ ॥ एए अट्ठ भंगा ॥ एव मेते दस तिया संजोगा एकेक्कसंजोगे अट्ठ भंगा ॥ एवं सव्वेवि तिय संजोगे असीति भंगा ॥ जइ चउवण्णे-सिय कालएय णीलएय लाहितएय हालिदएय १, सिय कालएय णीलएय
२४४७ लोहिएय हालिदगाय २, सिय कालएय णीलएय लोहियगाय, हालिद्दएय ३, सिय कालएय, णीलएय, लोहियगाय, हालिदगाय ४, सिय कालएय गीलगाय लोहियएय हालिइएय ५, सिय कालएय णीलगाय लोहियएय हालिदगाय ६, सिय कालएय णीलगाय लोहियगाय, हालिइएय ७, सिय कालगाय णीलएय लोहियएथ आठवा भांगा इस तरह अधिक करना स्यात काला, हरा व लाल अनेक ये आठ भांगे जानना. ऐसे दश तीन संयोगी हुवे और एक २ संयोग में आठ २ भांगे पावे सब मीलकर अस्सी भांगे हुवे. यदि चार वर्ण होवे तो १ स्यात काला, हरा, लाल, वं पीला २ स्यात् कालाई हरा, लाल एक व पीला अनेक ३ स्यात् काला, हरा एक लाल अनेक व पीला एक ४ स्यात् काला, हरा एक लाल व पीला अनेक ५ स्यात् काला एक हरा अनेक लाल. व पीला एक ६ स्यात् काला एक हरा अनेक लाल एक व पीला अनेक ७ स्यात काला एक हरा लाल अनेक पीला एक म्यात काला ।
488वीसवा शतक का पांचवा उद्देशा
भावार्थ
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