Book Title: Uttaradhyayan Sutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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पीयूषधषिणी-टीका स २५ भगवदन्तेयासिवर्णनम् वच्चसी जियकोहा जियमाणा जियमाया जियलेोभा जिइंदिया जियणिद्दा जियपरीसहा जीवियास-मरण-भय-विप्पमुक्का वयअथवा-वर्च तेज प्रभाव -तद्वन्तो वर्चस्विन । 'जससी' यशस्विन तप सयमसमाराधनप्यातिप्राप्ता । 'जियकाहा जितक्रोधा -जित क्रोधा यैस्ते जितकोधा , क्रोधजय –उदयप्राप्तमोधविफलीकरणतो ज्ञातव्य । 'जियमाणा' जितमाना , तनमान -मन्यतेऽनेनेति मान -अभिमान -नानादिना अहमनुपमोऽस्मीत्यभिमानरूप --गर्न दति यावत् । 'जियमाया' जितमाया - तत्र माया-परवञ्चनाभिप्रायेग शराराकारनपथ्यमनोगामायफौटिन्यकरणरूपा, सा जिता यैस्ते तथा, उदयप्राप्तपरवञ्चनकर्मविफलीकारका , 'जियलोभा' जितलोभा 'जिडदिया ' जितेन्द्रिया 'जियणिद्दा' जितनिद्रा 'जियपरीसहा ' जितपरीपहा 'जीवियास-मरण-भय-विप्पमुका' जीविताऽऽशा-मरग-भय-विषमुक्ता -जीवितस्य-प्राणअथवा तपमयमके प्रतापमे युक्त थे। (जससी) ये यशस्वी थे, अर्थात् तप और सयमकी आराधना से प्रसिद्धि पाये हुए थे। (जियफोहा) क्रोधको जिन्होंने जीत लिया था। (जियमाणा) मानको जिन्होंने दूर कर दिया था, अर्थात् “ मै ज्ञानादिक गुगोसे अनुपम हूँ" इस प्रकार अभिमानरूप गर्वको जिन्होंने परास्त कर दिया था। (जियमाया) दूसरोंको वचन करनेके अभिप्रायसे वेप वनाना, एर मन-वचन और कायको कुटिलतामे परिणत करना इसका नाम माया है, इस मायाका भी जिन्होंने अपनी शुभपरिगति द्वारा निवारण कर दिया था । (जियलोभा) इसी प्रकार लोभको भी जिन्होंने नष्ट कर दिया था। (जिदिया) इन्द्रियोको जिन्हीन अच्छी तरह अपने वगमे कर रसा था । (जियणिदा जियपरीसहा) निद्रा ओर परीपहो को जिन्होंने जीत लिया था। (जिवियास मरण-भय विप्पमुक्का) जानेकी आशा एव मरणके प्रताप हुता ( जससी) तेगा यशवी ता, अर्थात् तप मने से यमनी माराधनाथी प्रसिद्धि पामेला ता (जियकोहा) ओध भए त्यो , (जियमाणा) भान रसाये (२ ४२खु छ, अर्थात् हु सानाहि गुथी मनुपम छु 'पा मलिभान३५ अपने माथे परास्त यो छ (जियमाया) બીજાની વચના- છેતરપિડી કરવાના હેતુથી વેષ બનાવવા તેમ જ મન વચનકાયાથી કુટિલતા કરવી તેનું નામ માયા છે આ માયાનુ પણ જેઓએ પોતાની शुलपरियतिथी निवारण ४यु छ (जियलोभा) तेवी शत बोलना पy
माये नाश यो छ (जिइदिया) साये साशगते द्रियाने पाताने ११ ४२ सीधा ती (जियणिद्दा जियपरीसहा) निद्रा भने पशषडाने नेमामे ती