Book Title: Uttaradhyayan Sutram Part 02
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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पोयपपिणी-टोका स ३८ भगघदर्शनार्थ जनोत्सुक्यम्
मूलम्-तए ण चंपाए णयरीए सिंघाडग-तिग-चउक-चच्चरचउम्मुह-महापह-पहेसु महया जणसद्दे इ वा जणवूहे इ वा
टीका-'तए ण' इत्यादि । तत =नदनन्तर-चतुनिकायदेवानामागमनाऽनतर, खलु 'चपाए गयरीए' चम्पाया नगर्याम् 'सिंघाडग-तिग-चउक-चच्चरचउम्मुह-महापह-पहेसु' शृङ्गाटक-निक-चतुष्क-च वर-चतुर्मुग्य-महापथ-पथेपु-तत्रशृङ्गाटक-'सिंघाडा' इति भापाप्रसिद्ध जलज फल, तदाकार स्थान, त्रिकोणमियर्थ, निक-मिलितत्रिमार्गस्थानम् , चतुष्क-यन चत्वारो मार्गा मिलिता सन्ति तत्-'चोराहा' इति भाषाप्रसिद्ध स्थानम्, चवर बहुमार्गसमेलनस्थानम् , चतुर्मुस-चतुर्दार स्थानम्-आगन्तुकाटीना विश्रामस्थानम् , महापथ -राजमार्ग, पथा -रथ्यामानम्, तेषु सर्वेषु स्यातेपु या 'महया जणसदे इ वा' महान् जनगद-परस्पराऽऽलापादिरूपो भवति 'इकारो' वाक्यालकारार्थ , 'या'-प्रकारार्थ , तथा 'जणवृहे इ वा ' जनव्यूह --लोकसमूह , 'जण
'तए ण चपाए णयरीए' इयादि।
(तए ण) चतुर्निकाय के देवों के आगमन के अनन्तर (चपाए णयरीए) चपा नगरी म (सिंघाडग-तिय-चउक्क-चचर-चउम्मुह-महापह-पहेसु) शृगाटकतीनकोनवाले स्थान पर, निक-जहा पर तीन रास्ते आकर मिलते है ऐसे स्थान पर, चतुष्फ-जहा पर चार मार्ग आकर मिले रहते है ऐसे चौराहे पर, चत्वर-अनेकमार्गोका समेलन जहाँ होता है ऐसे स्थान पर, चतुर्मुख-आगन्तुक जनो के विश्रामार्थ निर्मापित स्थान पर, महापथ-राजमार्ग पर, एव पथ अर्थात जहाँ से गली निकलती हो ऐसे स्थान पर, (महया जणसद्दे इ वा) महान् जन शब्द होने लगा-परस्पर मिलजुल कर लोग बातचीत करने लगे। (जणवूहे इ वा) एक मनुष्य दूसरे मनुष्य से पूछने लगा, अथवाપૂર્વે કહેલા અસુરકુમારની પેઠે ત્રણવાર અ જલિપૂર્વ સવિધિ વદના કરીને પ્રભુની એવા કરવા લાગ્યા (સૂ ૩૭)
'तए ण चपाए णयरीए' इत्यादि
(तरा ण) यतुनियन वोना मागमन ५७ (चपाए णयरीए) या नारीमा (सिंघाडग तिय चउक्क चन्चर-चउम्मुह महापह पहेसु) शगाटक-त्रय
Yat स्थान ५२, त्रिक-orila २२ता मापीन भणे छ मेवा स्थान ५२, चतुष्क-4 या२ भाग मापीने भणे, सेवा यौटा ५२, चत्वर-मने भागानु सभेसन न्या राय छ सेवा स्थान ५२, चतुर्मुख-माना२ माए साना विश्राम भाट भु४२२ अरेसा स्थान पर, महापथ-२/भाग ५२, मेव पथ-मर्थात् थी सी नाणी य तवा स्थान। ५२, (महया जणसद्दे इ वा) મહાન્ જન–શબ્દ થવા લાગ્યા-પરસ્પર મેલામલાપ કરી લે વાતચીત