________________ नीति-शिक्षा-संग्रह - - 88 यदि दो व्यक्ति आपस में बातचीत कर रहे हों तो माप रहो कि उनका भाषण आप न सुन सके। 86 किसी की वस्तु को लालचवश अपने लिये मत उठामो। कभी कभी कई लोग किसी मनुष्य की आदत देखने के लिये भी कुछ वस्तु रख देते हैं और इसी पर से उसकी ईमानदार और बेईमान तबियत का पता लगा लेते हैं / 60 पेशाब या पाखाने के वक्त ऐसी जगह बैठो जहाँ एकाएक किसी की दष्टि न पड़ सके। 61 पागल, बेहोश तथा कोढ़ी मनुष्य को मत छो। 62 किसी काम के करने में शीघ्रता मत करो, बल्कि खूब सोच विचारकर उसके अंतिम परिणाम का ध्यान रखते हुए करो। 63 गुरु के चरण स्पर्श करते समय दाहिने हाथ से दाहिना और बाएँ हाथ से बायाँ पैर छुओ। 64 परदेश जाते समय, दूसरे ग्राम को जाते समय, विदेश, अथवा अन्य गाँव से लौटकर आने के समय और किसी संस्कार विशेष के समय अपने पूज्यों के पैरों को छूकर आशीर्वाद प्राप्त करो। 65 जो उम्र में, पद में, प्रतिष्ठा में, बुद्धि में अथवा कार्य में अपने समान हो, और आपस में प्रणाम का व्यवहार चालू हो लों सदा उसी के द्वारा पहिले प्रणाम की आशा न करो। बल्कि उसके