________________ [20] सेठिया जैन ग्रन्थमाला . .. 185 हर एक पक्खी चौमासी और संवत्सरी में धार्मिक . लाभ हानि का विचार करना चाहिए। 186 विद्या को विनयपूर्वक पढ़ना चाहिए। 187 आपस में लड़ना झगड़ना न चाहिए / 188 धर्म से गिरते हुए साधर्मी को स्थिर करना चाहिए। 189 रोगी ग्लानी और ओपत्ति-ग्रस्त मनुष्यों की तन मन और धन से सेवा करनी चाहिए। 11. अग्नि, गहरे जल, शस्त्र, सींग और नख वाले जानवर, विष, पाखण्डी, कुपात्र और ' स्त्री का विश्वास नहीं करना चाहिए। 161 बच्चों की आपस की लड़ाई में खुद न पड़ना .. चाहिए। 162 घुना हुआ अनाज न खाना चाहिए। 16 प्यास लगने पर एकदम ज्यादा पानी न पीना चाहिए। : 164 इमली वृक्ष की छाया में न बैठना चाहिए क्यों कि इस की हवा रोगोत्पादक है। 195 गुस्से में आकर बालक के माथे में न मारना चाहिए।