________________ सेठिया जैन ग्रन्थमाला अग्नि या सुगंध को देख नहीं सकते यद्यपि ये वस्तुएँ मूर्तिक हैं / जब मूर्तिक वस्तुओं में से अनेक को देखने की शक्ति हम में नहीं है तो अमूर्तिक श्रात्मा को शरीर के टुकड़े टुकड़े करके खोजना क्या हास्यास्पद नहीं है ? इतनी बातचीत के बाद प्रदेशी राजा ने सन्तुष्ट हो श्रात्मा का अस्तित्व स्वीकार कर लिया। कठिन शब्दों के अर्थ अस्तित्र-- सत्ता, होना / नित्य-- सदैव रहने वाला। पंचभूतः जल, पृथिवी, अग्नि, आकाश और हवा / मुर्तिक- जिस में रूप रस आदि हों। अमूर्तिक- जिसमें रूप प्रादिन हो / कोशेफार्ग- बेहोशी की एक अंग्रेजी दवा / हास्यास्पद :- हंसी के योग्य , अविचार पूर्ण / पाठ 25 वाँ जलवर्षक वृक्ष अमेरिका के पूर्व में एटलाण्टिक नामक महासागर है जिसमें करी एक टापू है / प्राचीन काल में यहां न पानी बरसता था और न किसी प्रकार का जलाशय-नदी, नाला, सोता आदि ही था। वहां के निवासी कुँया खोद कर जल निकालना भी न