________________ (92) सेठिया जैन ग्रन्थमाला को न देखा होता तो इसके अस्तित्व पर कभी विश्वास न करता।" सन् 1877 की 8 वी सितम्बर के 'इंग्लिशमेन' नामक अंग्रेजी समाचार पत्र के अंक में उसके सम्पादक ने लिखा है कि भारतवर्ष में सूखा बहुत पड़ता है अतएव हमारे सरकारी उद्यानों के व्यवस्थापकों को उस पेड़ की ओर ध्यान देना चाहिये जो येरू देश के मोयोयाम्बा नगर के जंगलों में पाया जाता है। अमेरिकावाले इसे 'तामियाकास्त्री' अर्थात् जलवर्षक वृत्त कहते हैं। सुनते हैं कि यह अद्भुत वृक्ष वायुमण्डल की नमी को खींच लेता है और अपनी डालियों तथा पत्तों में से बरसाता है, यहां तक कि वह पृथ्वी को पानी से सराबोर कर डालता है। गर्मी में जब नदियां घटजाती हैं और जल दुर्लभ हो जाता है उस समय उसकी यह शक्ति बहुत बढ़ जाती है। एक महाशय ने ' परीक्षा करके पेरू सरकार से निवेदन किया है कि कृषि के लाभ के लिए देश के सूख भागों में इसके लगाने का प्रयत्न किया जाय। कठिन शब्दों के अर्थ नितान्त- बिलकुल / ओक, सिन्दूर और बलूत- ये वृक्षों के नाम हैं / श्याम- काला आसमानी रंग का / नमी- तराई, गीलापन / सराबोर- लथपथ /