Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 02
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 603
________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा - प्राप्त करने को क्या वरदान, तपस्या का यह कठिन विधान? // 2 // तीर सम लगती चपल समीर, अग्रहायण की आधी रात / खोलकर यह अपना खलिहान, खड़े हो क्यों तुम कम्पित-गात? उच्च स्वर से गा-गाकर गान, .. किसे तुम करते हो आह्वान ? // 3 // स्वीय श्रम-सुधा-सलिल से सींच , खेत में उपजाते जो नाज / युगल कर से उसको हे बन्धु , लुटा देते हो तुम निर्व्याज / विश्व का करते हो कल्याण , त्याग का रख प्रादर्श महान // 4 // लिए फल फूलों का उपहार, खड़ा यह जो छोटा-सा बाग / न केवल वह दुम--बेलि समूह, तुम्हारा मूर्ति मंत अनुराग / हृदय का यह प्रादान-प्रदान! कहां सीखा तुमने मतिमान? // 1 // देखते कभी शस्य श्रृंगार,.. कमी सुनते खग-कुलक-न-गीर।

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