Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 02
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 623
________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा कठिन शब्दों के अर्थ . परिपाटी- चाल परम्परा / गन्तव्य मार्ग- जिस मार्ग से चल रहे हों / अभ्यर्थना- प्रार्थना / क्षितिज- पृथ्वी का एक दूर का हिस्सा जो ऊँचे स्थान पर खड़े होकर देखने से चारों ओर दिखाई पड़ता हुआ वह वृत्ताकार स्थान जहां अाकाश और पृथ्वी दोनों मिले जान पड़ते हैं। प्राघातप्रत्याधात का नियमआघात करने से फिर भी अघान होता है, यह लियम, जैसे गेंद को जोर से धरती पर पटकने से वह फिर ऊपर उछलती है। साक्षात्कार-प्रत्याशं / सन्नाटाशान्ति नीरक्ता / चतुभुज- विष्णु, चार हाथों वाला / चकुष्पद- पशु / विकृतविकार वाले, दूषित / संस्कृत जिनमें- संस्कार मौजूद हो / सुरभि सुगन्ध / रिपु- बैरी / व्याय- गूढार्थ वाक्य, ताना / बेजोड- असम्बद्ध, वे सिर पैर की। अनिर्वचनीय. जो शब्दों से न कहा जासकता हो, केवल अनुभव से मालूम पडने वाला हो। पाठ 43 वाँ सूक्तियां निरधि से नीरद न लेता खारेपन को है, - मीठेपन को ही युक्तियुक्त अपनाता है। क्षीर से अलग कर नीर को विवेक हँस, क्षीरभाग पानकर अति मोद पाता है। विषधर-विष को छूता है. समौर कभी,

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