________________ सेठिया जैन ग्रन्थमाला पाठ 27 वाँ जंगलीपन की निशानी-तम्बाकू ___ अाजकल तम्बाकू का प्रचार इतना बढ़ गया है कि पढ़े लिखे, मूर्ख गँवार, बालक वृद्ध, धनी निधन सभी उसके चंगुल में फँस गये हैं / स्टेशन, बाग, घर, रेल गाड़ी, बाजार सर्वत्र इसका प्रभुत्व है / इतना ही क्यों? अनेक जातियों में तो यह जातीय सम्मान के रूप में बर्ता जाता है। जो जाति में रहते हैं उनके साथ हुक्का पिया जाता है अन्यथा नहीं। . तम्बाकू का इतना प्रचार क्यों हो गया? इसीलिए कि लोग यह नहीं जानते कि यह स्वास्थ्य का कैसा धोर शत्रु है और इसके विषमय प्रभाव में आकर कितने ही अपनी कर्तव्यनिष्ठा खो बैठते हैं / इसके निरन्तर सेवन से खून खराब हो जाता है / अधिकांश पढ़े लिखे और सभ्य आदमियों से यदि पूछा जाय कि आप इसे क्यों पीते हैं तो वे कुछ ठीक जवाब न दे सकेंगे / इसका कारण केवल यह है कि उन्होंने देखादेखी, सभ्यता और फैशन समझ कर इसे अपना लिया है। वे दूसरों की नकल करते हैं। प्राज संसार में कदाचित् ही कोई ऐसा देश हो जो इस जंगली वस्तु के प्रभाव से दूषित न हो रहा हो / कोलम्बस के नयी दुनिया अर्थात् अमेरिका के खोज करने के पहले एशिया अथवा यूरोप में कोई तम्बाकू का नाम भी नहीं जानता था / सन् 1432 ई० के नवम्बर मास में सब कोलम्बस ने 'क्यूवा' द्वीप ढूंढ़ निकाला तो उसने अपने कुछ साथियों को