Book Title: Niti Shiksha Sangraha Part 02
Author(s): Bherodan Jethmal Sethiya
Publisher: Bherodan Jethmal Sethiya

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Page 588
________________ (120) सेठिया जैन ग्रन्थमाला बहुत से लोगों में यह आदत होती है कि जहां बैठते हैं वहां ही थूकने लगते हैं / यह बड़ी बुरी आदत है / इससे गंदगी फैलती है और छूत के अनेक रोग हमें धर पकड़ते हैं / क्षय रोग के रोगी के थूक में इतने कीटाणु होते हैं कि वे आस पास बैठे श्रादमियों के शरीर में प्रवेश करके उनके प्राणनाश का कारण तक हो सकते हैं। जिन लोगों को अधिक थूकने की आदत हो उन्हें पीकदान रखना चाहिए अथवा एक पात्र में बालू रख कर उसमें थूकना चाहिए / पीकदान और इस प्रकार के पात्र को नित्य साफ कराते रहना चाहिए। मकान बनाते समय इस बात पर ध्यान रखना चाहिए कि प्रत्येक कमरे में चारों ओर से खूब हवा आ सके। इन सब बातों का तात्पर्य यही है कि प्रत्येक मनुष्य को अधिक स्वच्छ वायु ग्रहण करना चाहिए। . पाठ 35 वा युद्धवीर 'यारहवां-चाम' यूरप के उत्तर में स्वीडन एक देश है / 'चार्ल्स' वहीं का बादशाह था। 1697 ई० के अप्रैल महीने में इसके पिता ग्यारहवें चाल्स की मृत्यु हुई / उसके बाद केवल पन्द्रह वर्ष की उम्र में यह राजगद्दी पर बैठा / उस समय यूरपं की दशा अच्छी न थी। जबर्दस्त लोग कमजोर राज्य को हड़पने की ताक में रहते थे। बालक चार्ल्स कोगद्दी पर बैठा देख उनकी बन पायी क्योंकि

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