________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा कुंडलिया सज्जन संगति के किये, मृढ़ होय विद्वान् / सत्य वचन नित उच्चरै, ब? जगत में मान // बढे जगत में मान, पापको दूर विसारहिं / होय प्रफुल्लित चित्त, दशों दिश यश विस्तारहिं / कहै सुकवि 'गोपाल', नाश कर दुख की पंगति / होय मदा नर सुखी, करै जो मजन संगति // 8 // दोहा ताते छोरि कुसंगको, सत्संगति चित धार / करहु सफल नर जन्मको,यही जगत में सार॥९॥ -~-श्री पं० गोपालदास जी बरैया प्रश्नावलि मत्संगति से क्या लाभ होता है ? सत्संगति क्यों करनी चाहिए ? ऊपर की कुंदलिया पढ़ कर उसका अर्थ बताओ? पाठ इक्कीसवाँ. चुम्बक पृथ्वी पर सैकड़ों जगह और हिन्दुस्तान में कहीं कहीं, खास कर ग्वालियर राज्य में, एक प्रकार का