________________ सेठिया जैन ग्रन्थमाला संयुक्त- अर्थ की गंभीरता रूपी सुगंध से पूर्ण / ग्रंथ कुसुमों- ग्रंथ रूपी फूलों / आधुनिक-- इस समय के / विद्वान-मधुकर-- विद्वान रूपी भौरे / रसास्वादन- रसपान / सामयिक साहित्य-- उसी समय से सम्बन्ध रखने वाली रचनाएँ जैसे समाचारपत्रादि। हास्यास्पद-. उपहासयोग्य / त्याज्य-- छोड़ देने योग्य / उद्धरण -- एक पुस्तक का वाक्य दूसरी जगह प्रमाण के लिये रखना। पाठ 7 वां। चूहेदानी - लड़कों ने चूहेदानी अवश्य देखी होगी। इसकी शक्ल पिजड़े की तरह होती है / इसके अन्दर जाने का एक दरवाज़ा होता है और अन्दर रोटी का टुकड़ा छत से लटका रहता है। चूहा अपने बिल से निकला, उसको रोटी की सुगंध मालूम हुई और वह पिंजड़े के अन्दर गया ।रोटी को मुँह लगाया और पिंजड़े का खटका गिरा, बस दरवाज़ा बंद हुआ और वह उसमें कैद हो गया। अब जिस रोटी के लोभ से वह अन्दर गया था, वही उसको बुरी लगती है और वह बाहर आने के लिए तड़पता है। इसी प्रकार संसार में बालकों के लिए भी अनेक फन्दे पड़े हुए हैं जिन में अनजाने वे फंस जाते हैं और अन्त में उनसे निकलना उनके लिए कठिन हो जाता है / याग की सैर करने गये,किसी मित्र ने कहा-"लो एक सिगरेट पिओ"अस्वीकार करने पर कहा-"अजी तुम भी कैसे बेवकूफ हो,इसमें न जाने कौन धर्म रखा है। एक ही फक सही, देखो कितना मज़ा है-यहां कोई देखता थोड़े ही है"