________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा जैन धर्म भी नास्तिक धर्म नहीं हो सकता। ____धर्म का उद्देश्य सत्य की खोज करना है। अतएव अपना धर्म हो या दूसरे का जहां सत्यकी प्राप्ति हो वहां से लेनाचाहिये। याद रक्खो, सत्य सब सम्प्रदायों से बड़ा है / उसके लिये सम्प्रदाय वा मत को छोड़ा जा सकता है; मत या सम्प्रदाय के लिये सत्य को नहीं छोड़ा जा सकता। कठिन शब्दों के अर्थ शृणास्पद- शृगामय, जिसमें घृणा मिली हो / कल्पनातीत-जिसकी कल्पना न को जासके, जो अनुमान की सीमा से बाहर हो। मतोन्मत्त - किसी मत या सम्प्रदाय के लिये पागल रहने वाला / क्षोभ- उत्तेजना, क्रोध / युक्ति- तरकीब / हरताल फेरना-- एक मुहाविरा है जिसका अर्थ नष्ट कर देना दबा देना इत्यादि है / लचर-कमज़ोर। पाठ 21 वाँ कलियुगी भीमः राममूर्ति मुजप्फरपुर शहर में एक दिन बड़ा उत्साह था-वहां के एक नवाब साहब ने प्रोफेसर राममूर्ति से बाजी लगाई थी / नवाब साहब की मोटर राममूर्ति रोकले तो उन्हें 500) इनाम मिलेंगे अन्यथा नबाब साहब उनसे 1000) वसूल करेंगे / खेल के बड़े तम्बू में तिल धरने की जगह न थी नवाब साहब अपनी मोटर के साथ उपस्थित थे / ठीक समय पर तम्बू के अन्दर की एक छोटी