________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा (81) पहुँचाता है जो कड़ी धूप में बटोहियों कासहायक होता है / यदि धर्म द्रव्य और अधर्म द्रव्य प्रेरणापूर्वक चलाने और ठहराने लगे तो विलक्षण स्थिति उत्पन्न हो जाय / क्योंकि दोनों नित्य हैं, व्यापक हैं और किसी से कोई निर्बल नहीं है / ऐसा हो तो धर्म द्रव्य ठहरने न देवे और अधर्म द्रव्य चलने न दे। . ___ चौथा द्रव्य आकाश है / यह सब वस्तुओं को अवकाश प्रदान करता है। यदि श्राकाश न होता तो किसी को कहीं स्थान न मिलता / इसके दो भेद हैं(१) लोकाकाश और (2) अलोकाकाश / लोकाकाश आकाश के उस भाग को कहते हैं जहाँ जीवादि पांच द्रव्यों की सत्ता है और अलोकाकाश उसे कहते हैं जहाँ श्राकाश के अतिरिक्त और कोई द्रव्य नहीं पाया जाता। पाँचवा अजीव काल है / काल उस द्रव्य को कहते हैं जो जीवादि पदार्थो के परिवर्तन का कारण होता है / काल के सिवा अन्य द्रव्यों के आगे 'अस्तिकाय' शब्द लगाया जाता है वह व्यर्थ नहीं है / जैसे-जीवास्तिकाय, पुद्गलास्तिकाय आदि। ____ संसार में जितने पदार्थ देखे जाते हैं, उन सबका इन्हीं 6 द्रव्यों में समावेश है। इनके अतिरिक्त और कोई द्रव्य नहीं है। कठिन शब्दों के अर्थ। ...... ... .. जेखनी- कलम / रहस्य-- भेद / अनन्तानन्त- जिनका कभी अन्त