________________ सेठिया जैन प्रन्थमालो है / उपवास से पेट में एकत्र. हुआ भोजन धीरे धीरे पच जाता है उससे रोग शान्त हो जाता है / पहले पाश्चात्य चिकित्सक उपवास का उपहास करते थे पर आजकल वे भी इसका महत्व समझ कर इसे अपनाने लगे हैं। उन्होंने जगह जगह ऐसे औषधालय खोल रक्खे हैं जिनमें उपवास द्वारा ही चिकित्सा होती है / ऐसे औषधालयों में अमेरिका के डाक्टर मेकफेडन का औषधालय विख्यात है। ___ एक प्रसिद्ध यूरोपीय डाक्टर श्रीडावियन ने लिखा है"किसी रोगी को भोजन न दो, इससे रोगी नहीं वरन रोग भूखों मर जायगा।" ऐसे अनेक उदाहरण मिलते हैं जिनसे उपवास का महत्व प्रकट होता है / रिचर्ड फासल नामक एक होटल के मालिक को जलोदर होगया / उसके शरीर का बजन बढ़कर पांच मन तक हो गया। चलना फिरना असंभव होने लगा। अंत में कम होते होते पौने चार मन तक आगया था / वह उपवास के साथ व्यायाम भी करता और पानी के साथ नीबू का का थोड़ा थोड़ा रस लेता था। .. वैद्यक के प्रसिद्ध ग्रंथ 'भावप्रकाश' में लिखा है कि वात: पित्त या कफ किसी के विकार से उत्पन्न होने वाला रोग केवल उपवास से दूर किया जा सकता है। उपवास के बाद शरीर में स्फूर्ति पाती तथा जठराग्नि प्रदीप्त हो जाती है / इस प्रकार पश्चिमीय और पूर्वीय दोनों प्रकार के चिकित्सकों ने इसे लाभकारी बताया है / उपवास के समय कुछ कमजोरी और बेचनी अवश्य मालूम होती है पर पीछे यह सब दूर हो जाती है और शरीर शुद्ध हो जाता है, उसमें फिर स्फूर्ति और जोवन श्रा -