________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा ~~~~~~~~~~~~~ एक सेर नाज काजापनो स्वरूप त्याज, डोलत है लाज काज धर्मकाज हानिक॥३॥ केई सीसको कटावै केई सोसबोझ लावें, केई भूप द्वार जावें चाकरी निदानकै / फेई हरी तोरत हैं पाहन को फोरत हैं, केई अंग जोरत हैं हुन्नर विनानकै // केई जीवघात करें केई छंद को उचरै, नाना विध पेट भरै इन्हें आदि गनिके / एक सेर नाज काज आपनो स्वरूप त्याज, डोलत हैं लाज काज धर्मकाज हानिक // 4 // भांडे- बर्तन / सानकै- गूंथकर / खाक राख; धूल / पटके हैं- फकते हैं। शटके हैं- छानते हैं ! लपटै है- लपट हुए हैं। हाट-बजार, पैट / अम्बुधिसमुद्र / पैठत हैं-घुसते हैं / ऐंठत हैं- मरोड़ते हैं / पेखत हैं- देखत है / प्रमानिकै समझ कर / पटकला- वस्त्र बनाने की कला, चित्र दिखा कर मांगने की विद्या / घटकला- शारीरिक विद्या, वैद्यक / पास- प्रमाणपत्र, सार्टीफिकेट / बहें- करते हैं। निदानकै- आशा करके / पाहन- पत्थर / फोरत है- फोड़ते हैं / अंग जोरत हैंहाथ जोड़ते या सिर नवाते हैं / गानिके- गिनकर, लेकर /