________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा परन्तु इनमें जो अप्राकृतिक चिकित्साएँ हैं उनसे रोगों में उतना लाभ नहीं होता जितना प्राकृतिक चिकित्सा से होता है। उपवास--चिकित्सा अर्थात उपवास द्वारा रोगों को दूर करना प्राकृतिक चिकित्सा है / पशु भी जब बीमार होते हैं तो स्वयं खाना बंद करदेते हैं / यह प्रत्येक प्राणी के लिये लाभदायक है। ____घात पित्त और कफ में परस्पर विषमता क्यों होती है ? जरा सी भाग पर यदि एकाएक ढेर का हर कोयला लाद दिया जाय तो वह बुझ जायगी / यही हाल सब कोयला निकाल लेने पर भी होता है / इसी प्रकार आवश्यकता से अधिक श्राहार करने से पेट की अग्नि मन्द हो जाती है और वात, पित्त एवं कफ में परस्पर विषमता प्राजाती है / शरीर रोगों का घर बन जाता है / बहुत से लोग समझले है कि जिहा को तृप्ति के लिये भोजन किया जाता है। कितने ही अधिक भोजन को ही बल प्राप्ति का साधन समझते है, पर ये बड़ी भ्रांत धारणाएँ हैं / इन्हीं गलत विचारों के कारण मनुष्य आवश्यकता से अधिक खाजाता है और पेट की अग्नि मंद पड़ जाने से अपच इत्यादि अनेक रोग हो जाते हैं / आजकल के पढ़े लिखे नवयुवकों में से अधिकांश को हाजमे की शिकायत होती है, इसका कारण यही है कि वे स्वाद के लिये ऐसी बहुतेरी चीजे खा जाते हैं। जिन्हें उनका पेट अपनाने को तैयार नहीं होता। अधिकांश रोगों का कारण पाचन शक्ति की कमी है / इसे दूर करने के लिये अनेक उपाय हैं पर इनमें 'लंघनं परमौषधम्-लंघन अथवा उपवास ही सब से गुणकारी उपाय