________________ (28) सेठिया जैन ग्रन्थमाला मत डालो अन्यथा वह भी हिलने लगेगी और लोग यहां आने में भी डरेंगे। ____ यह दीवार अब तक वैसी ही हिलती है और इसी से उसे 'भूलना महंत' कहते हैं / बड़े बड़े देशी कारीगर और विलायती इंजीनियर उसको हिला हिलाकर देखते हैं और हैरान होते हैं / किसी की समझ में नहीं आता कि क्या भेद है और क्यों चूने पत्थर की बनी हुई बड़ी संगीन दीवार 200 वर्ष से हिलती है / यह 9 स्तंभों पर खड़ी है जिसमें 9 दर्वाजे हैं / पंजाब भर में यह बात महन्त नारायणदासजी की बालक्रीड़ा ही मानी जाती है। -:08:0--- पाठ 10 वाँ। कम और पुरुषार्थ को व्याख्या एक भिखारी ने वीरसेवक के द्वार पर आवाज़ देकर कहा-- "है कोई माई का लाल, करेगा साधु का सवाल पूरा।" भिखारी की बात सुनते ही वीरसेवक वाल-सुलभ उत्सुकता से द्वार की और गया तो देखता क्या है कि मलिन वेश में एक नवयुवक खडा है / शरीर पर पूरे वस्त्र नहीं हैं / भिखारी ने वीरसेवक की ओर आशापूर्ण नेत्रों से देखकर कहा-"बाबा! चुटकी भर आटा मिले तो चोला प्रसन्न हो जाय / बहुत भूखा हूँ।" वीर०-तुम तो बलिष्ठ मालूम होते हो, फिर इस प्रकार ठोकरें क्यों खाते फिरते हो / कुछ काम करो।