________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा बस आगये कहने में / धीरे धीरे सिगरेट पीने की आदत पड़ गई। अब पैसे कहां से आवे? भूठ बोल कर किताब कापी, खाने पीने या किसी बहाने से माता आदि से पैसे लिए / दो चार दिन इस तरह चला। धीरे धीरे चोरी की श्रादत पड़ी। वस अब पिंजड़े में फँस गये। निकलना चाहते हैं,निकल नहीं सकते। इसी तरह चूरन खाने को चाट, थियेटर देखने की लत,आपस में गाली बकने को बान, व्यभिचार और घुरे कामों की ओर रुचि,यह सब इस चूहेदानी में फँस जाने के फल हैं। ___ मछली पकड़ने वाला एक लम्बी लकड़ी लेता है, उसमें रस्सी बांध देता है, रस्सी के किनारे लोहे की कड़ी में श्राटा लगाता है और फिर उसे पानी में डुबा देता है। मलो पानी में देखती है, आटे के पास आती है, छूते ही डोरी देखकर पीछे हट जाती है किन्तु लालच वश फिर आती है, दो तीन बार ऐसा ही करती है, तब आटा खाने के लिये मुंह खोलती है और लोहे की कड़ी में फँस जाती है / इसी प्रकार संसार की बुरी प्रादते हैं। पहले लोग डरते डरते प्रारंभ करते हैं-"कहीं बाबूजी न देखलें, कहीं मांन देखले,कहीं मास्टर साहब न देखलें।" धीरे धोरे आदत पड़ जाती है और फिर निर्लज होकर प्रकाश्य रूप में पाप करने लगता है। बालकों को चाहिये कि सर्वदा सावधान रहें। बुरे मित्रों से बचें। यह याद रखें कि चारों तरफ पिंजड़े हैं और उनसे बचने का सदा यत्न करते रहें।