________________ सेठियाजैनग्रन्थमाला पाठ पच्चीसवाँ. काश्मीर की सैर। पहले बतलाया जा चुका है कि काश्मीर भारतवर्ष के प्रसिद्ध रजवाड़ों में से एक है / परन्तु काश्मीर का महत्व वहां की प्राकृतिक सुन्दरता के कारण है। सच तो यह है कि काश्मीर, अपने सौन्दर्य के लिहाज़ से भारतवर्ष का मुकुट है / काश्मीर के पर्वतों की सफेद चोटिया, प्रातःकालीन सूर्य, बर्फीले मैदान, चलते फिरते खेत, झील के चारों ओर की वस्ती देखने से वह मध्य लोक का स्वर्ग सा मालूम होता है। काश्मीर में प्रसिद्ध नगर श्रीनगर है। श्रीनगर के निवासियों की संख्या एक लाख पैंसठ हजार के लगभग है। यह स्थान रावलपिण्डी से 198 मील दूर है / रावलपिण्डी से श्रीनगर जाने वाले यात्रियों के लिये मोटर, लोरी, तांगा आदि सवारिया मिलती हैं। श्रीनगर में बिजली नल डाकखाना और डाक्टर आदि सब मिलते हैं। वहां काठ और चांदी की कोरनी का कार्य अच्छा होता है / किन्तु पश्मीना