________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा शिक्षा से तुम्हें मनोवांछित सफलता मिलेगी / तुम देश समाज आदिका उद्धार कर सकोगे और सब के प्यारे हो सकोगे। सदा विचार करते रहो कि "हे भगवान् ! उलटा आचरण करने वाले पर यदि प्रेम न कर सकूँ तो उस पर कम से कम मध्यस्थभाव धारण करूं'। पाठ 24 भगवान महावीर माना जैस अग्नि में तपन स चमकने लगता है, उसी नरह भगवान महावीर की आत्मा बारह वर्ष की कठिन तपस्या की अग्नि में तपने से कवलज्ञान द्वारा चमकने लगी / इसी समय उन्हें जम्बुक नामक ग्राम में ऋजुबालिका-नदी के नीर पर शालिवृक्ष के नीचे-- वैसाख सुदि दशमी के दिन केवलज्ञान की प्राप्ति हो गई / अब संसार में कोई भी ऐसी वस्तु न थी. जिस भगवान् न जानते हों / जो लोग दूसरों की आख बचा कर पाप कर्म करते हैं और समझते हैं कि हमार दुष्कर्म की किसी को कानों कान भी खबर न पड़ेगी, वे निगे वुदधू हैं / यदि कोई साधारगा मनुष्य न भी जान पावे पर कंवलनानी तो जानते ही हैं। उनसे कुछ छिपा नहीं रहता / इस कारण कोई बुरा काम न करना चाहिए / ___ जब तीर्थंकरों को केवलज्ञान उत्पन्न होता है, तब स्वर्ग से इन्द्र आकर समवसरणा की रचना करता है। समवसरणा उस मभा को कहते हैं, जिसमें भगवान धर्म का उपदेश देने हैं / जब प्रभु महावीर को केवलज्ञान हुआ तो इन्द्र ने आकर