________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा (पाँचवाँ भाग) पाठ १ला। मनोकामना। स्वजाति में प्रीति बनी रहे सदा, स्वकामना-वृक्ष रहे फलों लदा / बना रहे ऐक्य न भेदभाव हो, प्रभो! हमारा अग में प्रभाव हो। सुखी रहे देश न दैन्य-ग्रस्त हो, स्वतेज कासूर्यकभीन अस्त हो। स्वबन्धुओं में हम को प्रतीति हो, सदा हमारी समुदार नीति हो / सुकार्य में नाथ! सदा लगे रहें, स्वभाव ही मध्य सदा पगे रहे। कारें सदा कार्य बनें न आलसी, हमें प्रिया हो न अनिए पालिसी