________________ पाँचवें भाग का कार्य प्रारम्भ हो चुका है / उसमें जैन इतिहास आदि विषयों के साथ 2 तत्त्वज्ञान, कर्मसिद्धान्त और प्रात्मा परमात्मा सम्बन्धी विषयों का विवेचन होगा। आशा है वह भी यथा संभव शीघ्र प्रकाश में आवेगा। चौथेभाग का संशोधन श्रीमान् उपाध्याय श्री आत्मारामजी महाराज ने कृपा करके किया है। अतः हम उन का सादर आभार मानते हैं। इसके सिवा अनेक मासिक पत्रों और पुस्तकों से सहायता ली गई है उनके कत्ताओं का आभार मानते हैं / इत्यलम् / / बीकानेर 23-2-27 ई. निवेदकभैरोंदान जेठमल सेठिया