________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा अब इस बात का विचार करी कि बलवान् बनने का स्वाधीन उपाय क्या है ? यदि कोई मुझ से यह प्रश्न पूछे, तो मैं यह उत्तर दूं कि व्यायाम ही एक ऐसा उपाय है, जिससे हर एक आदमी बल-शाली हो सकता है / और व्यायाम अपने हाथ की बात है, इसलिए वह स्वाधीन उपाय है / व्यायाम करने से शरीर नीरोग मज़बूत और सुडौल होता है / व्यायाम से शरीर के समस्त अवयवों में रक्त प्रवाहित होने से अवयवों में स्फूर्ति उत्पन्न होती तथा दृढ़ता आती है। व्यायाम करने वाला पुरुष जल्दी बूढ़ा प्रतीत नहीं होता और उसकी बुढ़ापे में भी पर्याप्त पुरुषार्थ करने की शक्ति बनी रहती है / इसके विपरीत कभी व्यायाम न करने वाले युवक के किसी कार्य में उत्साह नज़र नहीं आता / वह सदा पराया मुख ताकता और भीखा करता है / अनेक रोगों का स्थल बन जाता, और सुख क्या वस्तु है, इस को बिलकुल भी नहीं समझ सकता / अतएव प्रत्येक बालक को व्यायाम अवश्य करना चाहिए। व्यायाम के अनेक प्रकार हैं / उनमें मस्तिष्क से काम लेने वालों को घूमना सबसे अधिक लाभप्रद है। इसके सिबाय डण्ड पेलना भी लाभदायक है / घूमने से स्वच्छ वायु प्राप्त होती, उदर के लिये बहुत लाभ होता और हाजमा सुधरता है / डण्ड पेलने से पाचनशक्ति तीव्र होती है / मुद्गर घुमाना भी एक प्रकार का व्यायाम है / इससे भुजाओं में और सीने में दृढ़ता आती है / किन्तु यह ध्यान में रक्खो कि अधिक व्यायाम से लाभ के बदले हानि होती है / अतः जब मुँह सूखने लगे, मुख से जल्दी