________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा की गुप्त बात प्रकट करना अत्यन्त प्रत्तस्य अपराध है / जिसमें यह बुरी लत हो, से बड़ा भयानक समझना चाहिए / बहुत लोग केवल मनोरंजन के लिये ऐसा करते हैं। उनका मनोरंजन कभी 2 आपत्तियों का पहाडु ढादेता है। ऐसे भयङ्कर मनोरंजन को शैतानी लीला कहना अधिक उचित है। इस दुर्गुण से कभी 2 जान जाने तक की नौबत आपहुंचती है। एक कथा है कि किसी समय पुविधापुर नामक नगर में सुन्दर नाम का गजा था। एक बार वह राजा वक्रशिक्षित (उलटी शिक्षा पाये दुप) घोड़े पर सवार हुमा / वह घोडा उसे जंगल में लेगया / जगल तक दौडने र थक जाने से वह ठहर गया / इसी समय राजा सुन्दर उतरा और थकावट का मारा किसी वृक्ष के नीचे सोगया। उसी समय एक छोटा सा सप राजा के मुख में प्रवेश कर गया / राजालौटकर घर आया परन्तु पेट की पीड़ा के मार बेचैन होगया। उसने बहुत सान किये पर एक भी कारगर न हुआ। अन्त में उसने यही निश्चय किया कि प्राणत्याग करने के लिये गंगाजी जाना चाहिए। यह विचार कर वह रानी को साथ लेकर चला / मानी में राजा किसी जगह एक बड़ के नीच सोगया। उस समय रानी जाग रही थी! पास ही एक बाबी में कोई सर्प रहता था। इतने में वह सर्प, जो राजा के पेट में घुसा दुआ था, कुछ बाहर निकला। उस समय बाबी में रहा हुआ साँप उससे बोरता र दुष्ट राजा के पेटसे बाहर निकलाश्या तु नहीं जानता कि मैं तेरे विनाश का इलाज जानता हूं / यदि कोई पुरुष कवी. ककड़ी की जड़ कांजी में बांटकर पीजावे तो अनायास ही लेना खात्मा होजाय" यह धमकी सुनकर उसे भी रोष पाया। . उसने दुपटकर कहा- में भी तेरे नाश का उपाय भलीभाँति,