________________ मेठियाजनप्रन्यमाला जानता हूं। यदि कई पुरुष तेल गर्म करके तेरे बँधीठे में डाले तो तेरा सत्यानाश हो जाय और बधीठे का खजाना भी पालेवे। पर क्या किया जाय, कोई कान देने वाला नहीं है। ' दोनों सापों की आपस की सब बातें रानी ने सुनली और राजा के जागते ही सब कह सुनाई / राजाने सापों के कहे "अनुसार उपायों से नीरांगता और खजाना दोनों प्राप्त किये / बच्चा ! यदि दोनों सर्प एक दूसरे की गुप्त बातों को प्रकट न करते तो राजा किसी का बाल बाका न कर सकता। पर उनमें दूसरे की गुप्त बात प्रगट .रने का निंद्य दुर्गुण था। इसी दुर्गुण ने उनका सर्वनाश किया। निस्सन्देह दूसरे का रहस्य प्रकट करना ऐसा ही हानिकारक है / इसलिए शास्त्रों में इसे पाप माना है। परन्तु यदि किसी षड्यन्त्र से किसी को हानि होने की आशं. का हो तो केवल दूसरों की भलाई के लिये उन्हें सावधानकरदेना अनुचित नहीं है / परन्तु स्वार्थ कषाय या मनोरंजन के लिये ऐसा करना ठीक नहीं है। पाठ भ्रातृप्रेमः - बालको ! नुमने बहुधा सुना होगा कि संसार में भाई के समान दूसरा साथी नहीं है ! यदि तुम्हारे साई हो, और वह तुम से और तुम उससे प्रेम करते होयो, तो कोई तुम्हारी ओर आँख महों उठा सकताभापति आने पर जब मित्र लोग किनारा कारने : लगते हैं, तब भाई ही सहायक होता है / इसलिए कहावत भी "भा वही जो विपद् साहाय" ! ... ..