________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा करते हैं। क्योंकि वे भी देश और जाति के एक अंग है / इस कारण उनकी हानि से देश और जाति की हानि होती है। इसके सिवा उनके रुग्ण होने से उनकी सन्तान भी रुग्ण हो होती है / फलतः स्वदेश का सामुदायिक बल क्षीण होता जाता है / आजकल हम लोगों की निर्बलता का कारण यही है कि हम स्वास्थ्य-सुधार के नियमों को न पालन करते है और न जानते ही हैं। इस ही कारण से घर घर औष. धियों की आवश्यकता पड़ती है / अगर सच पूछा जाय तोषीमार होना न होना तुम्हारे ही हाथ की बात है / तुम चाहो तो बीमार हो जाआ, और न चाहो तो स्वस्थ रह सकते हो। परन्तु इसके लिये नियमित आहार विहार और उचित परिश्रम की आवश्यकता है / प्रातः काल सूर्योदय से पहले जागने वाला मनुष्य कभी बीमार नहीं होता / इसलिए अपने स्वास्थ्य की रक्षा चाहने वालों को चाहिए कि सूर्योदय के बाद तक न सोते रहें। गर्मी के दिनों के सिवाय दिन में सोना भी बीमारी को ग्रामन्त्रण देना है / अतः दिन में सोने का अभ्यास न डालना चाहिए / बहुत लोग रात्रि में नाटक, सिनेमा (वाइसकोप) और सरकस देखते है तथा दिन में सोते हैं। वास्तव में प्रकृति से घिरूद ऐसी कियाएँ करना प्रकृति से युद्ध करना है, और प्रकृति से युद्ध करके कोई विजयी नहीं होसका, न होसकता है। पाठ 8 - केशरी चोर. . किसी समय श्रीपुर नामक नगर में एक सेठ रहता था। उसका नाम पद्म और उसके बेटे का नाम केशरी था / केशरी