________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा इसलिए व्यापार-सम्बन्ध करने से पहले आदमी की परख कर लेनी चाहिए। __५सचाई की व्यापार में खास आवश्यकता है। जिसब्यापारी को सचाई का सिक्का जम जाता है, उसे अनायास ही सफलता मिलती है / एक कथा प्रसिद्ध है कि-किसी जगह कपड़े के व्यापारी एक सेठ सचाई से व्यापार करते थे। एक वार एक ग्राहक दाकन पर आया और कपड़े का एक थान ले गया। दुकान पर मुनीम था, उसने 10 रुपये की जगह 15) रुपये ले लिये। सेठ जी जब दुकान पर आये, तो मुनीम ने तारीफ बघार कर अपनी चतुराई की बात सुनाई / उमे आशा थी, सेठजी खुश होंगे, पर उसकी आशा पर पानी फिर गया / उनका प्रसन्न होना दूर रहा, उल्टे खपा हुए / अन्त में खरीददार को बुलवाकर उसके दामवापम किये। इस उदारता से सेठजी की इतनी अधिक ख्याति फैल गई कि उनका कारबार चमक उठा / 6 अवंचकता-ठगाई न करने को कहते हैं / ठगिया का भी काई विश्वास नहीं करता। यदि वह ठीक मूल्य बतावे, तो भीलोग झूट ही समझते हैं / अत एव व्यापार में अवञ्चकता की भी जरूरत है। ____7 मैत्री -- यों तो मनुप्यजीवन में प्रत्येक समय मंत्री की आवश्यकता है, किन्तु व्यापार में विशेष / जो सब से मेल मिलाप नहीं रखता,उसे व्यापार में उतनी सफलता नहीं मिलती जितनी मेलवाले को / , द्रव्य क्षेत्र काल भाव के ज्ञान-विना कोई व्यापार नहीं कर सकता / यदि करे, तो लाभ की जगह हानि उठावेगा / a