________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा 69] पाठ छब्बीसवाँ हैजा समार में ज्या ज्यों पापों की वृद्धि हो रही है, त्यो त्यों उसके फल भी हाथोंहाथ मिल रहे हैं। आये दिन नई नई होने वाली बीमारियां इस कथन की मत्यता के ज्वलन्त उदाहरण हैं / बहुत सी बीमारियाँ एमी होती हैं कि उत्पन्न होते ही हवा के साथ सर्वत्र फैल जाती हैं। जब एसी बीमारी होती है, तो देश में हाहाकार मच जाता है। घर के घर और कुटुम्ब के कुटुम्ब सफाया होजाते हैं / हैजा इसी प्रकार की बामारी है। इसे अंग्रजीमें कालेरा कहते हैं। जब हज़ा होता है तो लोग समझते हैं कि किमी देवी देवता का कोप हो गया है / इसीलिये अज्ञानी जीव देवी देवता की मानता मनाते हैं / किन्तु जब उससे कुछ फल नहीं होता, तो हाथ मलते रह जाते और भाग्य को कोसने लगते हैं / उन्हें बीमारी होने के असली कारगा का ज्ञान नहीं होता। कभी कभी बामारी शान्त होने के लिये देवतों को हवन करते हैं। लेकिन हवन करने का असली उद्देश्य वायु शुद्ध