________________ [62 सेठियाजैनग्रन्थमाला पाठ तेईसवा. बनावटी काठ। जिस प्रकार कृत्रिम हाथीदांत, आबनूस तथा चमड़ा बनाया जाता है, उसी प्रकार छोटी छोटीऔर हलकी वस्तुओंके बनाने तथा काठकी वस्तुओं पर नानाप्रकारकी जाली फूल बूंटे आदि के काम करने के लिये कृत्रिम काठ भी बनाया जाता है। परन्तु कृत्रिम हाथीदांत और चमड़े में हाथीदांत और असली चमड़ा नहीं होता, वरन् और और ही पदार्थों के योग से बनाते हैं, परन्तु कृत्रिम लकड़ी बनाने में और पदार्थों को छोड़ केवल काठ के बुरादे छीलन तथा वनस्पति से उत्पन्न पदार्थ ही काम में लाये जाते हैं। लकड़ी का बुरादा, नारियल के छिलकों को कूट पीस कर बनाया हुआ चूर्ण, सुपारी और बादामके छिलकों का चूर्ण, कहवे का फोक तथा नाज की भुसी वगैरह कृत्रिम काठ बनाने में काम आते हैं। कहवे के फोक और नाज की भुसी का चूर्ण बहुत हलके तथा नाजुक काम के योग्य होता है / कृत्रिम काठ को तैयार करने के लिये सरेस तथा गोंद आदि चिपकनी वस्तु की भी आवश्यकता होती है।