________________ करके सर्वज्ञ हो जाते हैं / सर्वज्ञ सब कुछ जानते हैं / जो एक बार मोक्ष चले जाते हैं, वे फिर कभी बापम नहीं लौटते। ईश्वर सुख दुःख नहीं देता। उसकाइन झंझटों से कुछ भी सम्बन्ध नहीं है। हम अपने कर्मों का फल, स्वयं भोगते हैं ! लड़को, कभी ईश्वर को विस्मरगा मत करना / सुपाश्वनाथ सातत्र और चन्द्रप्रभ साठवं तीर्थकर हैं। पन्ध्या का सौन्दर्य दर्शनीय होता है। भारतवर्ष की दरिद्रता दूर करो / अहनत मम देव है / श्रेष्ठ मनुष्य मन्माननीग होते हैं / विपन्न को मान्यता देना चाहिए। बचो ! अध्यापकका सादर कर / मधालय में गन्ध है। परमात्मा की भकिसे माहिती है। पाठ र था बारह महीने। (1) चैत्र माह अति सानंद दाई, जन्मे महाबोर हे भाई।। फिर वैसाख की बारी आई, अक्षय-तीज खूब मन भाई / /