________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा [33] दो नरकगामी है"।मुनि की यह बात सुन कर उपाध्याय को बड़ा उद्वेग हुअा। उसने परीक्षा करने की ठानी कि कौन स्वर्गगामी और कौन नरकगामी है ? निदान उसने आटे के तीन मुर्गे बनाये और तीनों शिष्यों को देकर कहा-जाओ, जहां कोई न देख सके वहीं इन्हें नष्ट कर पाओ / वसु और पर्वत किसी निर्जन स्थान में जाकर मुर्गों को नष्ट कर आये। नारद इधर उधर घूमा, पर मुर्गे को वापस ले आया। क्षीरकदम्बक ने पूछा-"क्यों नारद! तु वापस क्यों ले आया' ? नारद-" गुरु महाराज! देव दानव और सर्वज्ञ सब जगह देख रहे हैं। ऐसी कोई जगह नहीं मिली, जहां कोई न देखता हो / इसलिये मैं ने आपकी आज्ञा भंग नहीं की" नारद का उचित उत्तर सुन कर उपाध्याय क्षीरकदम्बकको निश्चय होगया कि यही स्वर्गगामी जीव है / कुछ दिन बाद उपाध्याय का शरीरान्त हो गया। पर्वत उसकी गद्दी पर बैठा। वसु राजा हो गया। नारद अपने गाँव चला गया। ___एक दिन नारद पर्वत से मिलने आया। पर्वत अपने शिष्यों को पाठ पढ़ा रहा था। पढ़ाते समय उ