________________ सेठियाजैनग्रंथमाला समुद्रदत्ताने सोमककाकहा हुना,सारा हाल कह सुनाया। समुद्रदत्त ने दौड़ कर पुलिस में रिपोर्ट कर दी। पुलिस ने आकर मृत बच्चे की सड़ी हुई लाश सहित गोपायन को गिरफ्तार किया। मुकद्दमा राजा के पास गया , और गोपायन को पाप के अनुसार प्राणदण्ड दिया। पापी लोग कितना ही छिप कर पाप क्यों न करें, परन्तु वह छिपता नहीं है। कभी न कभी प्रकट हो ही जाता है और उसके फल स्वरूप इस लोक और परलोक में अनन्त दुःख भोगने पड़ते हैं। अतः सुख चाहने वालों को क्रोध मान माया लोभ आदि के वशीभूत हो कर हिंसा, झूठ चोरी कुशील आदि पापों को छोड़कर अहिंसा आदि पांच व्रतों को धारण करना चाहिए। इस कहानी से बालकों को यह शिक्षा लेनी चाहिये कि जब तक वे अपने गहनों की आप ही रक्षा न कर सकें, तब तक कोई गहना न पहनें। विद्या सब से बढ़िया गहना है। उसे रात दिन मन लगा कर पढ़ना चाहिये। प्रश्नावलि किताब बिना देखे कथा का सारांश कहो? गहना पहनने की हानियाँ बताओ?