________________ हिन्दी बालशिक्षा 5 परिग्रहपरिमाणवत-- धन वगैरह की बेहद लालसा नहीं रखना, और परिग्रह की मर्यादा कर लेना। कहा है-- धन गृहादि में मूर्खा हरो। इसका अति संग्रह मत करो॥ हर एक जैनी को इन पांच नियमों का अवश्य पालन करना चाहिये। यह हमारा सबसे प्यारा कर्तव्य धर्म है / जो इन नियमों को पालन करते हैं, उन्हें रात्रि में भोजन नहीं करना चाहिये। क्योंकि रात में चाहे जितना उजाला किया जाय, परन्तु छोटे छोटे जीव दिखाई नहीं देते। विना छना पानी पीने से पाप तो लगता ही है, साथ ही साथ बीमारी भी हो जाती है। जलोदर और नहरुआ आदि रोग प्रायः पानी छान कर न पीने से ही होते हैं /