________________ सेठियाजैनग्रन्थमाला (48) मैं अपने सामने कुटुम्ब का नाश नहीं देख सकता। इतना कहकर बूढ़ा बन्दर जंगल में चला गया। कुछ दिन वीतनेके बाद सचमुच वही जो बूढ़े बन्दरने कहाथा। "जोनमाने बड़ों की सीख,टिकरा लेकर माँगे भीख"। ___प्यारे बालको ! इस कथा से हमें ये शिक्षाएँ लेनी चाहिये 1 जिस जगह प्रतिदिन कलह हो वहां न रहे। - 2 बड़े बूढों की आज्ञा अवश्य माननी चाहिये। 3 लालच बहुत बुरी बलाय है / लालची मनुष्य कभी सुख नहीं पाता / इसलिए लालच का त्याग करना चाहिये। पाठ 25 वा. अविचार से हानि / किसी शहर में एक ब्राह्मण रहता था। उसकी स्त्री से एक लड़का पैदा हुआ। वहीं एक नेवली भी रहती थी। उसने भी उसी दिन एक नेवला जना। उस नेवले के बच्चे को ब्राह्मणी ने अपने बच्चे की तरह पाला पोसा / किसी दिन ब्राह्मणी ने अपने लड़के के