________________ की प्रावाज़ सुनती तो कोठार ही में छिप जाती थी। ___ एकदिन वह ही अपनी माँ के पास खेल रही थी। खेलते खेलते उससे बोली-मा, देख,इस घर के लोग बड़े भले मानस हैं / मेरे लिए कोठार में एक छोटा सा प्रच्छ। मकान बनवा दिया है। उसी में भोजन तैयार है। उसमें बिल्ली नहीं घुस सकती। मेरे पीछे बिल्ली भागती है, उससे बचाने के लिए यह मकान बनवाया होगा। मा, चलो चलें, हम दोनों ही उममें रहेंगे। . यह सुनकर चही की मा मुसकराकर बोली-तु भोली है। अच्छा हुआ, विना कहे इस घर में नहीं धुमी। यह घर अपने नाश का घर है। लोग इसे 'चूहादानी' कहते हैं / इसमें एक बार घुसे, कि बस फिर नहीं निकल सकते / चूही डर गई / उमने मन में सोचा-माता पिता से धिना पूछे कोई काम न करना चाहिये। पालको वतामो, अगर उसने अपनी माँ से सारा हाल न कहा होता तो उसका क्या हाल होता? तुम अपने माता पिता पूछे बिना कोई काम मत करना।