________________ हिन्दी-बाल-शिक्षा पाठ 15 वा राजा जितशत्रु। भरतक्षेत्र में वसंतपुर नाम का एक शहर था। उस शहर का राजा जितशत्र था। उसके मंत्री का नाम मतिसागर था। एक दिन राजा अपनी राजसभा में बैठा था। दरबान ने प्राकर कहा-महाराज! एक घोड़ों का व्यापारी आया है। उसके पास नाना देशों के नाना तरह के घोड़े मौजूद हैं / राजा ने व्यापारी को बुलाया और दो घोड़े खरीदे / शाम को राजा अपने मंत्री को साथ लेकर, घोड़े पर सवार होकर सैर करने चले / घोड़े अशिक्षित थे, इसलिए रोजा और मंत्री दोनों ही निर्जन बन में जा पहुँचे / एकदम बहुत दौड़ने से घोड़े ठहरते ही मर गये / राजा और मंत्री भूखे थे / जंगल में घूमते घूमते उन्हें एक जलाशय मिल गया / वहां स्नान आदि करके जल पिया और कितने ही दिन भूखे पड़े रहे। . जय राजा शहर में लौटकर वापस नहीं आये. तो शहर में खलबली मच गई / कुछ सेना राजा को