________________ शिक्षा [21] 166 दिन में नींद मत लो इससे रोग होता है। 197 यदि तुम्हें संसार के भीषण दुःखों का डर लगता हो और सुख की अभिलाषा हो, तो धर्म रूपी कल्पवृक्ष को सेवन करो। 168 करोड़ों ग्रन्थों का सार यह है कि धर्म की जड़ दया और पाप की जड़ कुव्यसन है। 199 शोक रूपी बैरी को पास रखनेसे बुद्धि हिम्मत * और धर्म का समूल नाश हो जाता है। 200 जैसे विना पुत्र के पलने की और विना दूल्हा के बरात की शोभा नहीं होती, उसी तरह विना धर्म के आत्मा की शोभा नहीं होती। 201 शास्त्रों का सुनना, श्मशान भूमि और रोग पीडा, ये तीन वैराग्योत्पत्ति के मुख्य कारण 202 बेसमझ से जो शास्त्र का अर्थ करते हैं उन के लिए शास्त्र भी शस्त्रसमान है। 203 बुद्धि की वृद्धि और नवीन तक की उत्पत्ति होने का मुख्य कारण मन की शुद्धि है। 204 संसार को वश करने का उपाय गुणग्रहण मिष्ट. भाषण और उदारता-गुण की वृद्धि है।