________________ सेठियाजैनग्रन्थमाला करे तो वह उस किसान के समान है, जिसने मिहनत करके खेत तो सुधारं लिया है, लेकिन उस में कोई बीज नहीं बोया हो। -- 25 विद्वानों को मूखों की सभा में चुप रहना चाहिए; क्योंकि इनके गप्पाष्टक के आगे उन की कुछ नहीं चलेगी। जैसे कौवों की काँव कॉव में मैना का शब्द दब जाता है। . 26 बिना आमदनी, इच्छानुसार खर्च करने से कुबेर का भी खजाना खाली हो जाता है; तब दूसरे लोगों का धन कितने दिन ठहर सकता है ? / .. 27 सत्पुरुषों की संगति गंधी की दूकान के समान है, केवल गंधी की दूकान के पास जाने से सुवास मिलती है। दुष्टों की . संगति कोयलों के समान है, जो सुलगते हों तो हाथ पाँव जला देते हैं और बुझे हों तो हाथ पाँव काले कर देते हैं / ... 28 जिस बात से दूसरे का दिल दुखे, वह बात बुद्धिमान् को दुःखी होकर भी न कहनी चाहिये / 26 जो शख्स सज्जनों और दुर्जनों से मीठे वचन बोलता है, वह मीठी वाणी बोलने वाले मोर की भाँति सब का प्यारा हो जाता है। 30 सब जीवों पर दया, मैत्री, दान और मीठी वाणी, इन के समान और वशी करण मन्त्र त्रिलोकी में नहीं है / ____3.1 मित्र को प्रेम से, रिश्तेदारों को अच्छे वर्ताव से, स्त्री