________________ शिक्षा .. [17] www 157 सांसारिक कार्य उतावली से न करना चाहिए। 158 क्रोध की बात, चिन्ता की बात, दुःख की बात स्वार्थ की बात, और असुहावनी बात, न करनी चाहिए। 159 ज्ञान के उद्योग के लिए थोडाबहुत समय जरूर निकालना चाहिए। 160 नित्य नियम और मर्यादा विधिपूर्वक शुद्ध __उपयोग से करना चाहिए। 161 साधु साध्वी के लिए निर्दोष आहार शुभ भाव .. से देना चाहिए। 162 किसी का जी न दुखाना चाहिए / क्रोध भावे तो चुप रहना चाहिए। 163 यदि कोई हमारा अपराध करे, तो क्षमा कर के अन्तःकरण से माफी देना चाहिए। 164 जल्दी उठ कर जो धार्मिक नित्य नियम करे उसे पुण्यवान समझना चाहिए। यदि देर से उठे तो बुरा लगे और दारिद्रय आवे 165 चिन्ता से रोग होते हैं विना कारण गप सप न लगाना चाहिए। समय व्यर्थ बरबाद ने करना चाहिए।